पराशर के 67 स्वास्थ्य शिविरों में 44210 मरीजों ने लिया स्वास्थ्य लाभ
-मेडीकल कैंपों में 28117 मरीजों ने आखों की जांच करवाई
डाडासीबा-
जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने का संकल्प लेकर चले कैप्टन संजय पराशर ने स्वास्थ्य सुविधाओं के पहले चरण में 67 मेडीकल कैंपों का आयोजन किया है।
इन स्वास्थ्य शिविरों से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्गों को फायदा मिलता हुआ दिखाई दिया और उनकी आंखों व कानों से संबंधित रोगाें का भी स्थाई समाधान हो गया।
इन मेडीकल कैंपों में 44210 लाभार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। दूसरे चरण में पराशर द्वारा जसवां-परागपुर क्षेत्र के निर्धारित स्थानों पर मरीजों की आंखों की जांच के लिए निशुल्क व्यवस्था की जा रही है। यह अभियान इसी माह से शुरू किया जा रहा है।
संजय पराशर द्वारा पिछले वर्ष फरवरी माह से घर-द्वार पर चिकित्सा शिविर लगाने के बाद बुजुर्गों ने अपने गांव या आसपास के क्षेत्र में ही निशुल्क में चेकअप करवाया। मरीजों को कैंप में ही आंखों व कानों की दवाईयां उपलब्ध करवाई गईं तो कानों की मशीनें भी शिविर में ही प्रदान की गईं। इसके साथ ही मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को अपने निवास स्थान से आने व जाने के लिए वाहन की निशुल्क सुविधा पराशर द्वारा प्रदान की गई। साथ में दवाई, भोजन और ठहरने तक की व्यवस्था भी की गई। बड़ी बात यह भी रही कि चश्मे से लेकर आपरेशन तक निःशुल्क सुविधा मिलने का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों ने उठाया। मेडीकल कैंपों में सबसे ज्यादा आंखों की चेक अप के ही मरीज आए। संजय के साैजन्य से आयोजित इन स्वास्थ्य शिविरों में 28117 मरीजों ने आखों की जांच करवाई, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञों ने 4207 मरीजों को मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने की सलाह दी। 17596 मरीजों को निशुल्क चश्मे दिए गए। 14980 मरीजों को आई ड्रॉप्स प्रदान किए गए। वहीं, 8802 मरीजों ने अपने कानों की जांच करवाई तो 4503 मरीजों को कानों को सुनने वाली मशीनें भी निशुल्क दी गई हैं। 18406 मरीजाें को कानों की दवाई भी दी गई। इसके अलावा 7514 मरीजों के फ्री में इसीजी, शुगर व बीपी टेस्ट भी किए गए। कैंप में पहुंची महिलाओं को 72274 सैनिटरी पैड्स भी वितरित किए गए। पराशर ने 2547 मरीजों को विशेष प्रकार के चश्मे भी बनाकर दिए, जिनका नम्बर सामान्य तौर पर नहीं मिलता है। मोतियाबिंद का सफल आपरेशन करवा चुके तिलक राज, करतार सिंह, शंकुतला देवी, बलदेव, सरला, वकील सिंह और अयोध्या दास का कहना था कि मोतियाबिंद के कारण उन्हें कम दिखाई देता था। मेडीकल जांच के बाद पराशर ने उनके इलाज में हर संभव मदद की और अब उन्हें पहले से बेहतर दिखने लगा है। उन्होंने कैप्टन संजय पराशर का आभार जताते हुए कहा कि उनका कोई पैसा खर्च नहीं हुआ और कैंप लगने के कुछ दिनों भीतर ही आपरेशन भी हो गया। अब उन्हें देखने की कोई समस्या नहीं है। वहीं, जमना दास, रूप लाल, दलीप सिंह, तरसेम सिंह ने बताया कि उनकी श्रवण शक्ति कम हो गई थी। संजय के कैंपों में उन्हें निशुल्क कानों की मशीनें मिलीं और अब पहले से बेहतर सुन रहे हैं। वहीं, संजय पराशर ने कहा कि मेडीकल कैंपों के बाद मोतियाबिंद मुक्त अभियान का दूसरा चरण शीघ्र ही शुरू होने वाला है, जहां निर्धारित तिथि व स्थान पर चिकित्सकों द्वारा आंखों की जांच की जाएगी। मोतियाबिंद के आपरेशन की भी व्यवस्था का प्रावधान इस चरण में किया जाएगा।

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