जब्बर गांव में चिकित्सा विशेषज्ञों को लेकर पैदल ही पहुंच गए पराशर
-स्यूल पंचायत के स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे 332 लाभार्थी
डाडासीबा-
जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने के अभियान पर कैप्टन संजय कितनी गंभीरता से काम कर रहे हैं, इसका एक उदाहरण मंगलवार को देखने को मिला। सड़क सुविधा न होने के कारण साथ लगते गांव जब्बर के बुजुर्गों ने जब स्यूल में आयोजित मेडीकल कैंप में आने के लिए असमर्थता जताई तो पराशर चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ गांव में पहुंच गए। इस दौरान गांव में पहुंचने के लिए टीम को पैदल भी चलना पड़ा। डूहकी गांव में भी पराशर और उनकी टीम ने दस्तक देकर मरीजों का चेक-अप किया। जब्बर और डूहकी गांवों के सभी बुजुर्गों के आंखाें व कानों की जांच की गई। पराशर ने कहा कि अगर उनकी टीम को किसी दिक्कत की वजह से एक मरीज के लिए भी सफर तय करना पड़े तो सहर्ष वो दूरियां भी मापेंगे क्योंकि जसवां-परागपुर को मोतियाबिंद मुक्त करना उनका संकल्प भी है और लक्ष्य भी। वहीं, कैप्टन संजय द्वारा स्यूल में आयोजित किए गए 31 वें मेडीकल कैंप में 332 लाभार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। मंगलवार को लगे इस स्वास्थ्य शिविर में आंखों व कानों की जांच के साथ ईसीजी, शुगर व ब्लड प्रेशर के भी टेस्ट किए गए। शिविर में कोरोना नियमों का भी सख्ती से पालन करवाया। महाशिवरात्रि के अवसर पर लगे इस शिविर में संजय द्वारा शिव भक्तों के लिए फलाहार की भी विशेष व्यवस्था की गई थी। अब अगले मेडीकल कैंप बुधवार, वीरवार व शुक्रवार को लंडियाड़ा, बगली और चलाली पंचायतों में अायाेजित किए जाएंगे।
स्यूल में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में 182 मरीजों ने अपने आंखों की जांच करवाई तो 69 के कानों का चेक अप किया गया। कैंप में आए 102 मरीजों को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए। 127 मरीजों को आई ड्राप्स दिए गए। जबकि आंख चेक करने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों ने 22 मरीजों को आपरेशन करने की सलाह दी। इन मरीजों के मोतियाबिंद के निशुल्क अापरेशन कांगड़ा के निजी अस्पताल में करवाए जाएंगे। शिविर में 40 मरीजों को कानों की मशीन फ्री में वितरित की गईं तो 37 मरीजों को कानों की दवाई भी दी गई। इसके साथ ही कैंप में पहुंची 66 महिलाओं को 660 निशुल्क सैनेटरी पैड भी वितरित किए गए। 89 मरीजों के शुगर, बीपी और इसीजी के टेस्ट भी किए गए। इसके अलावा शिविर में 36 परिवारों के मुफ्त में हिमकेयर कार्ड बनाने के लिए जरूरी औपचारिकता पूरी की गई।
इस स्वास्थ्य शिविर पराशर ने कहा कि अगर उनके प्रयासों से किसी बुजुर्ग की आंखों की अनमोल रोशनी वापिस लौट रही है या कोई बुजुर्ग पहले से बेहतर सुन पा रहा है तो इसमें भी प्रभु की ही कृपा है। क्योंकि ऐसे कार्य परमात्मा की मर्जी के बिना कहां संभव होते हैं। साथ में पराशर ने स्यूल पंचायत के वासियों का आभार जताते हुए कहा कि उनकी पंचायत में दो कैंपों का सफल आयोजन हुआ है, जिसके लिए वह स्यूल की जनता को साधुवाद देते हैं। मेडीकल कैंप की बजाय अपने गांव में ही चेक करवाने वाले जब्बर गांव के राजेन्द्र कुमार, सीमा देवी, संतोष कुमारी, सुरेन्द्र कुमार, रमेश चंद, पवन कुमार, जमीत सिंह और कमला देवी ने बताया कि वे पराशर के संकल्प, हौसले और मजबूत इरादों को सलाम करते हैं। कैप्टन संजय ने बाधाओं के बावजूद उनके घर पर पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कीं, जिसका वे आभार व्यक्त करते हैं।