हिमाचल प्रदेश के छह विधायकों के निष्कासन के बाद रिक्त हुई विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव की घोषणा के बाद इन सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में सियासी पारा चढ़ गया है। खासकर कांग्रेसी खेमे में हलचल तेज है क्योंकि उप-चुनाव में भाजपा ने तो कांग्रेस के सभी छह बागी विधायकों को पार्टी में शामिल कर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अभी प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। इस कारण पार्टी में टिकट के तलबगारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। इंद्रदत्त लखनपाल के खिलाफ कांग्रेस की कमान संभालने के लिए बड़सर विधानसभा में भी टिकट की दौड़ में कई धावक उतर चुके हैं। इस फेहरिस्त में कांग्रेस से एक युवा नेता ने भी ताल ठोक दी है।
बड़सर विधानसभा से संबंध रखने वाले युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विशाल शर्मा उर्फ बाबू ने कांग्रेस टिकट की मांग उठाई है। विशाल ने कहा कि बड़सर में जो राजनीतिक हालात बने हैं, उसके लिए दोषी पूर्व विधायक इंद्र दत्त लखनपाल को जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की टीस हमेशा रहेगी कि जिस नेता के लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की, वह उन्हें धोखा दे गया। यह कांग्रेस पार्टी ही नहीं बल्कि हर कांग्रेस वर्कर के साथ धोखा है। हर घर में मतभेद होते हैं, अगर लखनपाल को कोई परेशानी थी तो अपना दर्द बड़सर के वर्कर से भी साझा करते। हम सभी मिलकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिलकर सभी मतभेदों का निराकरण करते।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर संकट जरूर आया है लेकिन पार्टी पूरी तरह से मजबूत है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सभी बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस एक बार फिर बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि बड़सर में भी कांग्रेस पूरी तरह से मजबूत है। उन्होंने टिकट की ताल ठोकते हुए कहा कि वह पार्टी को जीत दिलाने की ताकत रखते हैं। वह एक कार्यकर्ता के रूप में टिकट मांग रहे हैं। फिर भी पार्टी किसी अन्य को टिकट देती है तो वह पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के लिए काम करेंगे। बहरहाल, बड़सर कांग्रेस में टिकट के चाहवानों में नया नाम जरूर जुड़ गया है। अब देखना यह होगा कि इस विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के सामने खड़ी चुनौतियों से पार पाने के लिए कांग्रेस किसे प्रत्याशी घोषित करती है।
- छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति का सफर
दशकों से कर्मठ कांग्रेसी परिवार से संबंध रखने वाले विशाल शर्मा ने छात्र राजनीति से शुरुआत की थी। उस्नाड़ कलां पंचायत के मूल निवासी विशाल के पिता अमीं चंद शर्मा भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं। वह उस्नाड़ कलां पंचायत के दो बार प्रधान रहे हैं जबकि हमीरपुर जिला परिषद में वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं। जबकि विशाल की माता शीला शर्मा ब्लॉक समिति सदस्य रह चुकी हैं। छात्र राजनीति से ही विशाल ने नेतृत्व गुण का परिचय दिया है। यही कारण रहा है कि वह एनएसयूआई में 2007 से 2011 तक जिला महासचिव रहे। 2011 में उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में प्रभारी के तौर पर जिम्मेवारी सौंपी गई। इसके अलावा वह छत्तीसगढ़ में भी एनएसयूआई के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। इसके 2011 में उन्होंने युवा कांग्रेस में प्रवेश किया। वह 2011 से 2014 तक युवा कांग्रेस के बड़सर ब्लॉक के अध्यक्ष रहे। विशाल को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का युवा कांग्रेस महासचिव भी बनाया जा चुका है। इसके अलावा वह प्रदेश युवा कांग्रेस में महासचिव पद पर भी रह चुके हैं। वर्तमान में विशाल के पास प्रदेश युवा कांग्रेस का प्रवक्ता का पदभार है।