हमीरपुर विधानसभा सीट पर सुनील शर्मा विट्टू दे सकते भाजपा को टक्कर
कांग्रेस के पास हमीरपुर सीट पर बडा मौका
हमीरपुर जिला में कांग्रेस के पास नहीं एक भी सीट पर ब्राह्मण नेता
बड़सर में लखनपाल के भाजपा में जाने से बदले समीकरण
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू। हमीरपुर जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जिसमें भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस पार्टी दोनों ही दलों के मुख्यमंत्री बनाने का श्रेय हमीरपुर को प्राप्त हुआ है। हमीरपुर जिला के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुजान पुर में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाकर मजबूत कर लिया है। भोरंज में मुख्यमंत्री के करीबी सच्चे ही हितैषी सुरेश कुमार विधायक हैं। 60% सीटों पर जिला में मुख्यमंत्री का कब्जा हो गया है उनकी पसंद के उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे हैं। बड सर सीट पर भाजपा को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा है तब जाकर 2125 वोटो से लखनपाल जीते हैं। जिला मुख्यालय की सीट हमीरपुर पर मुख्यमंत्री अपनी पसंद तथा पार्टी का प्रत्याशी जिताकर विधानसभा में ले जाना चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आशीष शर्मा को टिकट दिया है। आशीष शर्मा पिछले चुनाव में आजाद जीते थे। लेकिन उनका त्यागपत्र देना इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रमुख मुद्दा बना रही है।
हमीरपुर सीट पर सुनील शर्मा बिट्टू को कांग्रेस पार्टी टिकट देती है तो एक तीर से कई निशान कांग्रेस पार्टी करेगी। जिला में ब्राह्मण समुदाय को एक सीट मिल जाएगी जो बड़सर में इंद्रदत लखनपाल के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से स्थिति बनी है। सुनील शर्मा बिट्टू हमीरपुर की राजनीति में नया नाम नहीं है मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार हैं सरकार बनने के बाद सबसे पहले उन्हें ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। मुख्यमंत्री के वफादारों में शामिल हैं। जब कोई व्यक्ति ऊंचाइयों पर चढ़ता है तो उसकी सफलता से कई लोगों को जलन होती है। सुनील शर्मा हमीरपुर जिला के मुख्यमंत्री के साथ जुड़े साथियों में शामिल हैं। उनका अधिकतर समय हमीरपुर में ही बीता है। कांग्रेस पार्टी से जुड़कर विभिन्न उनकी सेवाएं जग जाहिर रही है। विधानसभा क्षेत्र में 94 बूथ है। 75000 से अधिक मतदाता जुड़े हैं। इस बार मुख्यमंत्री हमीरपुर जिला से हैं इसका लाभ भी कांग्रेस पार्टी को मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पार्टी की कई गारंटियां पुरी की है। हमीरपुर सीट पर कांग्रेस पार्टी का टिकट सुनील शर्मा बिट्टू को दिलाने में मुख्यमंत्री सफल हो जाते हैं तो इस सीट पर जीत की संभावना के लिए भी रोड मैप तैयार हो सकता है। टिकट के कांग्रेस के अन्य दावेदारों में पुष्पेंद्र वर्मा तथा एडवोकेट रोहित शर्मा भी लाइन में है। लेकिन प्रदेश स्तर के कद का नेता सुनील शर्मा बिट्टू को कांग्रेस टिकट देती है तो इस सीट पर मुकाबला रोचक हो सकता है।
वैसे हमीरपुर सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रही है। 1972 में कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर रमेश वर्मा को टिकट दिया था तथा उन्होंने जीत हासिल की थी। 2003 में कांग्रेस पार्टी की अनीता वर्मा चुनाव जीती थी। जगदेव ठाकुर इस सीट पर 1977, 1982, 1985, 1990, 1993 में चुनाव जीते थे। 1998 में उर्मिला ठाकुर चुनाव जीती थी। नरेंद्र ठाकुर भी 2017 में चुनाव जीते थे।
विधानसभा उपचुनाव में इस बार सबकी नज़रें हमीरपुर सीट पर लगी है। कांग्रेस पार्टी ने फिलहाल प्रत्याशी घोषित नहीं किया है लेकिन सुनील शर्मा बिट्टू का नाम जिला में चर्चा में है हमीरपुर विधानसभा के अलावा आसपास की विधानसभा क्षेत्र में भी सुनील शर्मा के नाम की काफी चर्चा है देखना है कांग्रेस किसे टिकट देकर मैदान में उतरती है। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे नरेश दर्जी बगावत का राग शुरू कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के वर्षों से संगठन से जुड़े रहे लोग नेता किस प्रकार आशीष शर्मा का साथ देंगे भाजपा के लिए यक्ष सवाल बना है। सबकी नज़रें कांग्रेस पार्टी की टिकट आवंटन पार्टी की है की हमीरपुर में किसे टिकट दी जाती है।
देहरा में कांग्रेस नरदेव कंवर व नालागढ़ में हरदीप बाबा पर दाव खेल सकती है।

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