मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा से जुड़ा है मंडी संसदीय क्षेत्र का चुनाव
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उपचुनाव में भावनात्मक कार्ड खेल कर जीता Mandi वासियों का ❤️ दिल
मंडी। सतीश शर्मा सत्यमेवम जयते ।हिमाचल प्रदेश के उपचुनाव में सबसे अधिक मेहनत अगर किसी ने की है तो उसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को। उनका बयान की मंडी हमारी थी है और रहेगी का भावनात्मक तौर पर Mandi जिला में पार्टी को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कार्यशैली तथा अनुभव इस चुनाव में महत्वपूर्ण रहा है। उनके विरोधियों के लिए करारा जवाब था मंडी का चुनाव। जो लोग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समर्थक हैं उन्होंने दिन रात मेहनत कर इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा जो हिमाचल प्रदेश में कार्य किए गए हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों की पंक्ति में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। हिमाचल प्रदेश में विकास के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कई कार्य किए लेकिन गरीब जनता के लिए उन्होंने बुढ़ापा पेंशन के लिए आयु 70 बरस कर नया रिकॉर्ड दर्ज किया है गरीब जनता के मुखिया है मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जिन लोगों को 70 वर्ष की आयु में पेंशन मिल रही है मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सदैव ऋणी रहेंगे क्योंकि पूर्व सरकारों में या आयु 80 वर्ष थी महिलाओं के लिए उन्होंने 65 आयु में पेंशन काजो कार्य किया है उसके लिए हिमाचल प्रदेश की गरीब महिलाएं सदा आभारी रहेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा मंडी संसदीय क्षेत्र में 50 से अधिक जनसभाएं कर चुनाव के माहौल को बदला है। इस बार चुनाव पूर्व की तरह एक तरफा नहीं था congress पार्टी ने जमकर इस चुनाव में कांटे की टक्कर देने की कोशिश की। इस चुनाव में कई परिवारों का भविष्य भी तय होगा। कांग्रेस पार्टी के लिए इस चुनाव में खोने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि या सीट भाजपा के पास थी भाजपा इस सीट को जीत कर पुराना हिसाब ही बराबर करेगी। परंतु कांग्रेस पार्टी में राजा वीरभद्र की मृत्यु के बाद पहला चुनाव है इस चुनाव के बाद ही हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की दिशा दशा तय होगी। इस चुनाव में विक्रमादित्य सिंह को अपना तथा पराए का पता भी चल गया। पंडित सुखराम का परिवार जो पिछले 6 दशक से राजनीति में है उस परिवार की दशा भी तय करेगा या चुनाव। उनके पुत्र अनिल शर्मा मझधार में फंसे हैं। पंडित सुखराम का वोट बैंक किसके साथ जाएगा देखने वाली बात यह भी है। भाजपा के नेता महेश्वर सिंह जो खुद चुनाव के लिए प्रत्याशी थे भाजपा ने उनसे किनारा कर ब्रिगेडियर खुशाल को मैदान में उतारा है। कल सुबह उपचुनाव के लिए मतदान होगा। दोनों पार्टियों ने जमकर निशाने साधे हैं लेकिन फैसला तो जनता को करना है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जब मुख्यमंत्री बने थे उसके कुछ समय बाद ही एक गुट द्वारा या प्रचार किया गया कि जयराम ठाकुर अब गए तब गए। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर जाते ही हिमाचल में प्रचार शुरू हो जाता था कि मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है मुख्यमंत्री बदला जा रहा है लेकिन पौने 4 साल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ऐसे लोगों पर टिप्पणी करने के बजाए अपने कार्य में दिन-रात तत्पर रहें कोरोना काल में उनकी सेवाएं अतुलनीय रही। कांग्रेस पार्टी जिस महंगाई तथा बेरोजगारी का रोना रो रही है क्या जिन प्रदेशों में कांग्रेसी सरकारें हैं वहां महंगाई और बेरोजगारी नहीं है। कारगिल युद्ध को लेकर रानी प्रतिभा सिंह का बयान भी चर्चा में है उसका नुकसान भी कांग्रेस को भरना पड़ेगा। प्रतिभा सिंह ने इस चुनाव में अपने और पराए का पहचान की है। कल मतदान में जनता तय करेगी कि उसे भविष्य के लिए किसे आगे लाना है। चुनाव परिणाम दो नवंबर को आएंगे हिमाचल प्रदेश की दिशा तथा दशा तय करेंगे या चुनाव। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी अब सारा पता चल गया होगा की उनका विरोध करने वाले कांग्रेसी तो है ही लेकिन अपनों की कुटिल चालों से भी वह विचलित नहीं हुए हैं। उन्होंने इस चुनाव में पूरा दम लगा कर साबित कर दिया है कि जयराम ठाकुर जिस मिट्टी के बने हैं उनके लिए अगर आप खड्डे खोदोगे उसमें गिरना आपको ही पड़ेगा। कुटिल चालें अगर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी सफल होते तू पांडव कभी भी महाभारत का युद्ध नहीं जीत सकते थे। रावण कभी भी हार नहीं सकता था तथ्यपरक तथा उद्देश्य पूर्ण जानकारी यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने निस्वार्थ भावना से भाजपा के लिए कार्य किया है और इस पुनीत कार्य में उसका फल भी उन्हें मिलेगा टॉप news himachal की और से इस चुनाव को लेकर himachal वासियों को शुभकामनाएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here