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हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने चिंता व्यक्त की है कि राज्य में नशीली दवाओं का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे नई पीढ़ी को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल और नई तकनीक के कारण भी युवा पीढ़ी संस्कार विहीन होती जा रही है।
शांता कुमार ने हिमाचल पुलिस द्वारा शिमला और नूरपुर में नशीली दवाओं के विरुद्ध कदम उठाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के तस्करों की संपत्ति जब्त करने की कोशिश की जा रही है, जैसे कि नूरपुर में एक महिला तस्कर की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि शिमला जिला के पुलिस अधीक्षक, श्री संजीव गांधी ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कांगड़ा पुलिस द्वारा किए गए काम की भी सराहना की। शांता कुमार ने मांग की पूरे प्रदेश में इसी प्रकार से इस प्रकोप के विरूद्ध सक्रिय कदम उठाये जाएं।
शांता कुमार ने कहा कि नशा लेने वाले कुछ लोगों को कुछ ग्राम नशे के साथ पकड़ना भी जरूरी है परन्तु बिलकुल काफी नही है। कुछ बड़े लोग जो बड़े स्तर पर नशे का व्यापार करते है उन्हें पकड़ना चाहिए । उनमें से बहुत से लोगों ने अवैध रूप से करोड़ों रू0 की सम्पत्ति बनाई है, सरकार आवष्यकता हो तो कानून बदले और ऐसे लोगों की अवैध सम्पत्ति तुरन्त जब्त की जाए और ऐसे लोगों ने अवैध निर्माण भी अवष्य किया होगा, उस निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त किया जाए। यदि सरकार ने पूरी सख्ती के साथ इस महारोग को समाप्त करने की कोशिश नही की तो देवभूमि हिमाचल प्रदेश की नई पीढ़ी के बहुत से युवा अपना जीवन वर्बाद कर बैठेंगे। इस विषय पर सरकार बड़ी गंभीरता के साथ कदम उठाये।

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