1. ऊना जिला में कांग्रेस की बैठक को लेकर बवाल
    मंच पर छलका पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष का दर्द
    सोशल मीडिया में वीडियो हुआ वायरल
    टॉप न्यूज़ ने उठाई खबर
    ऊना। कांग्रेस पार्टी के आला नेता हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापसी की बातें कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत अलग है विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के जिला में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के सामने जब कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरुण पटियाल जो राजा वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थक रहे हैं उनका दर्द छलका तो सुनने वालों की आंखों में भी आंसू छलक गई लेकिन बेदर्द कांग्रेश के नेताओं को उनका दर्द नजर नहीं आया। अरुण पटियाल लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के 25 लोगों के साथ पार्टी टिकट के लिए आवेदन किया था। उन्होंने मंच से जानना चाहा कि जिन लोगों ने पार्टी टिकट के लिए आवेदन किया था क्या मैं कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं है। उन्होंने मंच से कहा कि हमारा कसूर क्या है पार्टी जिसे टिकट देती है उसमें हार जीत के लिए उसके भाग्य का भी कारण रहता है लेकिन पार्टी को सब को एकजुट कर आगे बढ़ना होता है तभी जीत संभव होती है कुटलैहड विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो रहा है। पार्टी को जिताऊ प्रत्याशियों को टिकट देने चाहिए ताकि जीत का सेहरा कांग्रेश को बांधा जा सके। कांग्रेश के पास इस विधानसभा क्षेत्र में कर्नल धर्मेंद्र पटियाल, देशराज, अरुण पटियाल, davinder bhutto जैसे कई जिताऊ प्रत्याशी है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि जिन लोगों को विधानसभा के चुनाव लड़ने हैं उन्हें जनता के बीच जाकर पार्टी को मजबूत करना चाहिए । इस विधानसभा क्षेत्र में मंच पर जो अरुण पटियाल का दर्द छलका उस दर्द का हल समय पर नहीं किया गया तो आने वाले विधानसभा चुनावों में यह लावा फूट सकता है तथा कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के सपने चकनाचूर हो सकते हैं। लोगों ने बताया कि जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं दीपा दास मुंशी जो पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे हैं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर मुकेश अग्निहोत्री तथा अन्य नेताओं को अरुण पटियाल की बात को गंभीरता से सुनकर उनकी मांग पर अमल भी करना चाहिए। संगठन सर्वोपरि होता है हार-जीत चलती रहती है लेकिन जब वरिष्ठ लोगों का पार्टी में मान सम्मान ना हो तो ऐसे संगठन के लिए jeet की राहें मुश्किल हो जाती है। टॉप न्यूज़ का काम कोई सनसनी फैलाना नहीं है ग्राउंड रिपोर्ट टीम ने लोगों के सामने रखी है फैसला लोगों को करना है कि कौन सही है कौन गलत लेकिन इस प्रकार पर वरिष्ठ कार्यकर्ता की अनदेखी सही नहीं है ऐसा कई लोगों का भी कहना है।

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