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कैसे जीतेंगी बड़सर में कांग्रेस
करीब तीन दर्जन कार्य कर्ताओं को मलाई
भारतीय जनता पार्टी के गढ़ बन्यालों की अनदेखी

राहुल गांधी के बोट चोरी मामले पर भी मलाई खाने वाले चुप

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बड़सर में कांग्रेस सरकार में कार्यकर्ताओं को मिली मलाई सम्मान
टिपपर से सलौणी तक ब्राह्मणों की अनदेखी पड़ सकती भारी
मुख्यमंत्री ने नगर पंचायत बनाई लेकिन मलाई खा रहे कार्यकर्ता उपलब्धि पर बोलने को नहीं तैयार
विधायक के खौफ से खामोश रहते हैं
सिर्फ एक ही सरकार की योजनाओं को लेकर रहते हैं मुखर
बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हमीरपुर जिला के बड़सर में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दिल खोलकर प्यार लौटाया है लेकिन मुख्यमंत्री की योजनाओं तथा कार्यों को लेकर बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का आलम निराला ही है कोई बोलने को तैयार नहीं है। मिनी सचिवालय के लिए मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए अदा किया इसके अलावा विकास की कई योजनाएं धरातल पर उतारी गई है परंतु मलाईदार पदों पर बैठकर कांग्रेस के कार्य करता खामोश है उनकी खामोशी का कारण क्या है कोई नहीं जानता लेकिन लगता है कि विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के साथ रही नजदीकि़ियां इन लोगों के मुंह बंद रखने के लिए काफी है। मुख्यमंत्री ने जिन लोगों को विभिन्न संस्थानों में एडजस्ट किया है उनका विवरण इस प्रकार से है।
करोड़ों रुपए का बाबा बालक नाथ ट्रस्ट
बाबा बालकनाथ ट्रस्ट , सैनिक कल्याण बोर्ड, वन निगम, नशा निवारण बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,
1सुभाष ढटवलिया 2अरविंदर कौर डोगरा, पवन शर्मा पवन कालिया, नरेश लखनपाल, विपिन ढटवालिया , प्रश्नोत्तम, सुरिन्द्र सोनी, हरी किशन,चौधरी, डैनी जसवाल, किशोरी कलसी, कमल पठानिया, शमशेर शर्मा, व अन्य कुल 25।
सैनिक कल्याण बोर्ड पीएस अत्रि, एडिशनल एडवोकेट जनरल रैली जजरी विपिन ढटवालिया की धर्मपत्नी,
कृष्णा चौधरी डायरेक्टर वन निगम हिमाचल प्रदेश,
रूवल ठाकुर नशा निवारण बोर्ड सदस्य
सुशील शर्मा भोटा, मुख्यमंत्री ने तो दिल खोलकर इन लोगों का साथ दिया है परंतु मुख्यमंत्री की नीतियो तथा कार्यक्रमों को लेकर जनता के बीच जाना जनता से दूरी बनाकर रखना लोगों की समझ से परे है। इसके अलावा अन्य की सदस्य मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत किए गए हैं जिनकी लंबी लिस्ट है।

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