कुटलैहड़ में स्वास्थ्य सुबिधाओं का टोटा 55 स्वास्थ्य केंद्रों में 37 स्वस्थ्य केंद्र बन्द,
सरकार गम्भीरता से करे समस्या का हल ,नहीं ही सरकार के खिलाफ होगा आंदोलन,भुटटो
बंगाणा, राज्य सरकार स्वास्थ्य सुबिधायो को घर द्वार देने के दावे करने से पहले कुटलैहड़ विस् क्षेत्र में स्वास्थ्य सुबिधायो की एक झलक देखे। जहाँ कुटलैहड़ विस् क्षेत्र में 55 स्वस्थ्य केंद्र तो बनाये गए है। मगर उनमें से 18 स्वास्थ्य केंद्रों में ही स्वास्थ्य सुबिधाये उपलब्ध है। अन्य 37 स्वस्थ्य केंद्रों में ताले लटके हुए है। जो कुटलैहड़ बिस क्षेत्र में जनता के साथ कुठाराघात हो रहा है। यह शब्द राज्य कांग्रेस कमेटी के सचिब एबम कुटलैहड़ के युबा तेज़ तरार नेता देबेन्द्र भुटटो ने कुटलैहड़ में जन सम्पर्क अभियान में कहे। भुटटो ने कहा कि पिछले चार बर्षो से कुटलैहड़ विस् क्षेत्र में भरमौत,चराडा चुरड़ी आदि अन्य 37 स्वास्थ्य केंद्रों में स्वस्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ्य कर्मी तैनात न करना स्वस्थ्य विभाग के साथ साथ सरकार और मन्त्री की सबसे बड़ी नाकामी है। क्योंकि बीते अढाई बर्षो से चली आ रही वैष्विक महामारी के चलते गांबो की जनता को स्वस्थ्य सुबिधायो से लाचार होकर महंगे स्वस्थ्य सुबिधा के लिए शहर की तरफ भागना पड़ रहा है। और सरकार की नाकामियो की पोल खुल रही है। भुटटो ने कहा कि सरकार ने बंगाणा अस्पताल थानाकला अस्पताल को अपग्रेट को कर दिया। लेकिन इन अस्पतालों में सरकार स्टाफ देना भूल गई है। और अब तो यह अस्पताल स्वस्थ्य सुबिधा देने की बजाए आपातकालीन समय मे गम्भीर अवस्था मे रैफर टू ऊना अस्पताल के नाम से ज्यादा मशहूर हो गए है। भुटटो ने कहा कि हर स्वस्थ्य केंद्र के भवन पर 30,30 खर्च हुआ है। और बंगाणा सिबिल अस्पताल पर करोड़ो की धनराशि खर्च की गई है। लेकिन अगर सरकार ने इन भवनों में स्वस्थ्य स्टाफ ही मुहैया नहीं करबाना था। तो फिर इतना खर्च करने की जरूरत ही क्या थी। और क्यों सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। भुटटो ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार स्वास्थ्य सुबिधायो को घर द्वार देने की हर मंच से दोहाई दे रही है। और दूसरी तरफ कुटलैहड़ विस् क्षेत्र में स्वस्थ्य सुबिधायो का दिवालिया निकला हुआ है। आखिर सरकार की दोहरी मंशा से जनता को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक सप्ताह पूर्ब कुटलैहड़ दौरे पर भी आये। लेकिन बंगाणा मुख्यालय पर शिलान्यास करके भी गए। लेकिन भाजपा द्वारा कुटलैहड़ विस् क्षेत्र की इस बड़ी स्वस्थ्य सुबिधा चरमराने का कोई मुद्दा नहीं उठाया गया। भुटटो ने कहा कि सरकार इस विषय पर गम्भीरता से बिचार करके इस समस्या का समाधान करें। और कुटलैहड़ में स्वास्थ्य केंद्र जो बन्द पड़े है। उक्त स्वस्थ्य केंद्रों पर स्वस्थ्य कर्मी मुहैया करवाये। ओर बंगाणा सिबिल अस्पताल में पूरा स्टाफ जनता को उपलब्ध होकर स्वास्थ्य सुबिधाये प्रदान करे। नहीं तो हम सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने से कोई गुरेज नहीं करेंगे।