वाह मुख्यमंत्री हो हो तो ऐसा : सुक्खू ने अपनी सारी पूँजी आपदा रहत कोष में दान की। दिया 51 लाख का योगदान ,खाते में बचे सिर्फ 17 हज़ार
व्यवस्था परिवर्तन
मां ने आपदा में दिए 51 हजार बेटे ने भेंट किए 51 लाख
मुख्यमंत्री हो तो सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसा
शिमला। सतीश शर्मा विट्टू।
सुखविंदर सुक्खू ने आज एक बडी दरियादिली पेश करते हुए अपनी सारी जमा पूँजी आपदा रहत कोष में दान दे दी। उनके, पत्नी और बेटियों के खातों में कुल जमा 51 लाख रुपए का चेक बनाकर उन्होंने आपदा राहत कोष में दान दिया है। अब उनके खातों में महज़ 17 हज़ार बचे हैं। यह अपने आप में काफी अहम् है। देश के पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बने हैं जिन्होंने ऐसा किया है। आज तक किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया। कोरोना काल में सभी ने अपना कुछ माह का वेतन दिया था। सिंघा ने एक साल का वेतन राहत कोष में दिया था। कर्मचारियों की भी तीन दिन की सैलरी जमा की गयी थी। इस बार भी कर्मचारियों की एक दिन और विधायकों की एक महीने की बेसिक सैलरी आपदा राहत कोष में जमा हुई है। लेकिन निजी तौर पर ऐसा कदम किसी नेता ने नहीं उठाया है जबकि 68 में से 63 विधायक करोड़पति हैं। तीन के पास सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति है। महज 5 विधायक ऐसे हैं जो करोड़ पति नहीं हैं। ऐसे में अब यह उन सबके लिए भी एक उदाहरण है। मुख्यमंत्री — वे जब दसवीं में थे तब उन्होंने अपना खर्च नौकरी करके चलाना शुरू कर दिया था। आज वे मुख्यमंत्री बने हैं तो उनके मन में यह बात आई के ईश्वर ने जब सामर्थ्य दिया है तो मदद करनी चाहिए। उन्होंने पत्नी कमलेश से बात की तो उन्होंने भी हामी भर दी। बताते चलें कि मुख्यमंत्री की माता जी भी पिछले हफ्ते उनको मिलने वाली पारिवारिक पेंशन में से 51 हज़ार आपदा राहत कोष में दे चुकी हैं। माता से भी सुखविंदर सिंह सुखों को प्रेरणा मिली है जब माता 51 हजार रुपए दे सकती है तो मुख्यमंत्री बेटा कुंजल लाख क्यों नहीं दे सकता। इस जज्बे के लिए भी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी।

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