बड़सर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भाजपा की टिकट का असली दावेदार कौन
25 सालों से भाजपा ने थमाया बलदेव शर्मा को टिकट
अब बदल चुके हैं समीकरण
बड़सर। सतीश शर्मा हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी रिवाज बदलने की बात कर रही है रिवाज बदलने के लिए सरकार के विधायक बनना जरूरी है जिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा लगातार हार रही है उन विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा हाईकमान की नजर टिकी हुई है। बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 1998 में पहली बार भाजपा का टिकट बलदेव शर्मा के हाथ लगा उसके बाद 3 विधानसभा चुनावों में बलदेव शर्मा ने कांग्रेस पार्टी की फूट का जमकर लाभ उठाया हर बार विधायक बने लेकिन 2012 के चुनाव में जब पुनर सीमांकन हुआ कांग्रेस पार्टी ने इंद्र दत्त लखनपाल को मैदान में उतारा उसके बाद लगातार दो बार इंद्रदत लखनपाल ने जीत हासिल की। इस विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के लिए मैदान में भाजपा में दावेदारों की लिस्ट तो लंबी है बलदेव शर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के सहारे का भरोसा है सहारा टूटा तो पता साफ।
दूसरे दावेदार है भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर एमआईटी शिक्षण संस्थान के प्रबंधक तथा भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लाडले भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संगठन में कार्य का लंबा अनुभव है। वक्त के साथ चलना जानते हैं कांग्रेश पार्टी में भी राजा वीरभद्र के सानिध्य में डुबकी लगा कर लौटे हैं। लगातार लोगों के बीच रहकर लोगों के काम कराने का हुनर उनके काम आ रहा है पिछले 3 सालों से शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मानित करने का मामला हो। इस साल पूर्व सैनिकों को सम्मानित कर उन्होंने इतिहास रचा है। पिछले कल शिक्षक दिवस पर हजारों की भीड़ जुटाकर साबित कर दिया है कि जनता का नेता वही कहलाएगा जो जनता के काम करेगा।
भाजपा के कमलनयन जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कई पदों पर कार्य कर चुके हैं तथा उन्होंने जो बाइक तिरंगा रैली निकाली उसका डंका पूरे प्रदेश में बजा है। भाजपा संगठन के लिए कड़ी मेहनत करते हैं अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ने का साहस भी रखते हैं। कांगड़ा कृषि एवं सहकारी बैंक के निदेशक का जब चुनाव लड़ा तो उस चुनाव में अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे कर धराशाई किया निदेशक बने निदेशक से इस बैंक के अध्यक्ष के पद पर सुशोभित हुए। जब उन्हें हटाकर अन्य निदेशकों अध्यक्ष बनाने का खेल चला तो अध्यक्ष बनना तो दूर उनके विरोधी निदेशक भी नहीं रहे। कमलनयन आज भी बैंक के अध्यक्ष हैं तथा बैंक का कायाकल्प किया है। वह भी प्रबल दावेदार है भरोसा अपनी मेहनत तथा कार्यकर्ताओं की फौज पर है।
संजीव शर्मा जो राकेश बबली कामगार कल्याण बोर्ड तथा हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के भाई हैं। राकेश बबली के समर्थक आस लगाए बैठे हैं कि संजीव शर्मा को राजनीति में आगे कर उनके अधूरे कामों को पूरा किया जाए। इसी कड़ी में रकेश बबली की पत्नी रमन शर्मा भी लाइन में है अगर महिला को टिकट देने की बारी आई। भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। भाजपा में छुपे रुस्तम के ही हैं जिनकी यहां हाजरी लगाऊंगा तो लिस्ट लंबी हो जाएगी। चर्चित चेहरे आपके सामने हैं। देखते हैं किस करवट बैठता है चंद दिनों में धुंधली तस्वीर साफ हो जाएगी। 2022 में इस विधानसभा क्षेत्र को कौन अगले 5 साल के लिए प्रतिनिधित्व करेगा।