हमीरपुर जिला का गवली कोठी गांव आपसी भाईचारे तथा एकता का प्रतीक
राजा लखमण मंदिर लोगों की एकजुट के लिए प्रेरणा स्रोत
बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में संख्या देवी देवताओं के मंदिर हैं इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए सैकड़ो साल पहले बड़सर विधानसभा क्षेत्र के गांव गवली कोठी का इतिहास काफी पुराना है। बताया जाता है कि इस गांव में बसने के लिए तीन भाई आए थे। कालांतर में तीन भाइयों ने तीन अलग-अलग गांव बसाए। तीनों ही गांव में गोत्र के लोग रहते हैं। गांव के मंदिर के बारे में बताया जाता है कि गांव में जो राजा लक्खमण का मंदिर बना है किसकी स्थापना से पहले पास के गांव के लोग स्थापित मूर्तियों को उठाकर अपने गांव में ले जाते थे तथा वहां स्थापित करने का कार्य करता है परंतु सुबह तक मूर्तियां वहीं स्थापित हो जाती थी जहां से लोग लेकर जाते थे। फिर लोगों ने मिलकर फैसला किया कि इसी गांव में मूर्तियां स्थापित की जाएगी। बरसों साल पुरानी दो मूर्तियां वर्षों से एक जैसी बनी हुई है। इसके साथ सिद्ध की परंपरागत मूर्तियां, देवी माता का मंदिर जिसमें बरसों पुरानी मूर्तियां स्थापित हैं, गोगा जाहरवीर की परंपरा से जुड़ी गोगा की मूर्तियां, वर्तमान में हनुमान की मूर्ति, राम परिवार राम लक्ष्मण सीता हनुमान, शिव परिवार गणेश शिव पार्वती तथा कार्तिकेय की मूर्तियां स्थापित की गई है। इस मंदिर में पिछले 16 वर्षों से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है तथा भंडारे पिछले करीब 50 वर्षों से आयोजित करवाए जा रहे हैं। जन्माष्टमी के पर्व पर भी मंदिर में मेला लगता है तथा भंडारे का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा मई जून में हर वर्ष भंडारा तथा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है।
कालांतर में पुराना मंदिर था जो वर्तमान में आधुनिक तरीके से बनाया गया है। विकास की निरंतर प्रक्रिया है तथा मंदिर के विकास के लिए राजा लखमण मंदिर कमेटी का निर्माण करवाया गया है जिसे सोसाइटी एक्ट के अधीन पंजीकृत करवाने की प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई है। मंदिर में विकास के लिए आप सबके सुझाव आमंत्रित हैं। इस मंदिर को आधुनिक सभी सुविधाओं से लैस करने की प्रक्रिया जारी है।
लेखक मुख्य संपादक टॉप न्यूज भारत सतीश शर्मा 921874777