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सारे कसूरों के लिए क्या मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को ही सजा मिलनी चाहिए बिल्कुल नहीं जिसमें किया है वह भी दोषी है
राजनिति में चुनाव में हार जीत से फर्क नहीं पड़ता लेकिन चुनाव जीते अथवा हारे लेकिन हिमाचल नहीं हारना चाहिए
भारतीय जनता पार्टी देश में हिमाचल को कर रही बदनाम
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू। देवभूमि हिमाचल को बदनाम करने के जो षड्यंत्र हिमाचल में चल रहे हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी सबसे आगे है। भारतीय जनता पार्टी का फ्रंट लाइन संगठन जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह द्वारा हिमाचल प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यों तथा योजनाओं के आगे बौना साबित हुआ उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सेकंड लाइन लीडरशिप को आगे किया गया। फ्रंट लाइन में भारतीय जनता पार्टी में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, जगत प्रकाश नड्डा, अनुराग सिंह ठाकुर, राजीव बिंदल बौने साबित हुए तो सेकंड लाइन की लीडरशिप को टोला बनाकर आगे किया गया।
कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर बिलासपुर में जशन मनाने जा रही है उसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी हैं लेकिन भाजपा की जमीन खिसकी हुई है। कांग्रेस की उपलब्धियां की जगह उनकी नाकामयाबियों पर किताब लिखने की बात कही जा रही है। देश के प्रधानमंत्री तक को इस मामले में जो सूचनाओं को भारतीय जनता पार्टी दे रही है प्रधानमंत्री ने चुनावी जनसभाओं तक में कहा है कि हिमाचल को बर्बाद करने में कांग्रेस की सरकार का बड़ा हाथ है।
हिमाचल की छवि पूरे देश में तार तार की जा रही है। क्या वास्तव में कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल को बर्बाद किया है तो आबाद कौन कर रहा है। आप अपने घर की जगह-जगह बेज्जती करें गालियां दे तो आपको कौन समझदार कहेगा ऐसा ही भारतीय जनता पार्टी के लीडरों के साथ हो रहा है। हमने हिमाचल के मुख्यमंत्री रामलाल से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यकाल को देखा है हिमाचल को किसने बर्बाद किया। हिमाचल की युवाओं को कौन बर्बाद कर दिया। हिमाचल प्रदेश में 14 लाख बेरोजगारों की फौज के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार दो बार रही हिमाचल में आज बेरोजगारी चरम सीमा पर है। क्या 2 साल पहले ही इसे लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह आए हैं बिल्कुल नहीं यह कम लंबे समय से चल रहा है जब राजा वीरभद्र थे तब भी बेरोजगारी बढ़ती रही लोग रोजगार के लिए तरते रहे उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में दो सारे रिकॉर्ड तोड़े गए।हमीरपुर में अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड बनाया गया लेकिन उसके अध्यक्ष को जो जेल में भेजा गया उसके पीछे कारण क्या थे क्या उसमें भाजपा ने हिमाचल को हिमाचल के हितों को बेरोजगारों को बेरोजगारों की फौज के साथ अन्याय नहीं किया जब किसी संस्था का मुखिया तक को जेल में डाला जाता है तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि वहां क्या हुआ होगा नौकरियां किस प्रकार बांटी गई बंदर बांट।
एक पंचायत में चार विश्वविद्यालय खोल दिए। शिक्षा के नाम पर जो दुकाने खोली उन दुकानों में शिक्षा दी नहीं बेची गई। सोलन जिला की यूनिवर्सिटी जिसकी जब जांच कांग्रेस पार्टी के विधायक रहे राजेंद्र राणा के कहने पर शुरू हुई डिग्रियां बेची गई तो हिमाचल को क्या मुख्यमंत्री सुखविंदर ने बेचा अथवा भाजपा ने। कसूर किसका है विश्वविद्यालय किसने बांटे गए। b.ed कॉलेज दुकानों में खोल दिए गए। एक नहीं अनेक उदाहरण है। दूध की धुली नहीं है भाजपा। हमीरपुर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कार्यकाल में जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री थे हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग में क्या नहीं हुआ पेपर बेचें। क्या उसमें भी मुख्यमंत्री सुखविंदर ही दोषी थे। बिल्कुल नहीं भारतीय जनता पार्टी बराबर की दोषी रही है।
मुख्यमंत्री की सुखाश्रय स्कीम जिसमें हजारों बच्चों का जिम्मा सरकार ने उठाया है क्या उनकी मदद करना हिमाचल को बेचना है बिल्कुल नहीं शायद देश में पहला राज्य हिमाचल बना है जिसमें इस प्रकार की सुविधा सरकार की तरफ से अनाथ बच्चों को दी गई है क्या पूरे देश में भी भारतीय जनता पार्टी का एक राज्य है जिसमें ऐसा किया हो शायद नहीं अगर कोई हो तो पाठक हमारा भी मार्गदर्शन करें हम भी गलत हो सकते हैं हमारी सोच भी गलत हो सकती है।
दिन रात हिमाचल के बारे में सोचना क्या हिमाचल के हितों को बेचना है। गंदी राजनीति नहीं होनी चाहिए विरोध होना चाहिए हम भी कहते हैं हम भी करते हैं मुख्यमंत्री की उन गलतियों का जब मुख्यमंत्री को गलत सूचनाओं देकर गुमराह किया जाता है। राजनीति में बयान बाजी चलती है। मुख्यमंत्री ने जब चुनाव के दौरान बडसर को लेकर विधायक पूर्व में रहे इंद्रदत्त क बारे में कहा की 55 लाख पकड़ा गया है हमने कहा मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं अगर पकड़ा है तो इंद्र को भी जेल होनी चाहिए तथा दूध का दूध तथा पानी का पानी होना चाहिए लेकिन हमें पता होना चाहिए हम पत्रकारिता से जुड़े हैं हमें अधिकार है जानने का कि वह पैसा कहां रखा है लेकिन कोई जवाब नहीं आया हम चुप नहीं बैठे क्योंकि हम पत्रकारिता करते हैं धंधा नहीं धंधे बहुत हैं पत्रकारिता करनी है तो शुद्ध पत्रकारिता ही करेंगे पैसा कमाने के लिए अन्य बहुत से साधन है। मुझे लगता है भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के बिना रहने में हिमाचल प्रदेश में असहजता महसूस हो रही है। वरना क्या जरूरत थी ऑपरेशन लोटस शुरू करने की कांग्रेस पार्टी के विधायकों को पांच सितारा होटल में रखने की। मान लिया भारतीय जनता पार्टी के पास कोई व्यक्ति दुखी होकर गया। हमारे घर में पड़ोस के परिवार के लोग अगर आ जाएं तथा यह कहे की हमारे दादा-पिता हमारी सुन नहीं रहे हैं क्या हम उन्हें अपने घर में पनाह देंगे कम से कम हम तो बिल्कुल नहीं। घर के मसले घर में हाल होने चाहिए लेकिन राजनीति है कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए उनका फंडामेंटल राइट भी है। लेकिन क्या एसे बेटे पर आप गर्व करेंगे जो जगह-जगह जाकर अपने परिवार की बदनामी करें तथा कहे कि मेरे घर में सुनी नहीं जाती किस बेटे की नहीं सुनी जाती है आप सब बेहतर जानते हैं। परिवारों में भी जब एक बेटा दिन रात मेहनत करता है तथा दूसरा मनमर्जी तो मां-बाप भी एक दिन बेदखल करते हैं अथवा उसे कुछ भी बोलना बंद कर देते हैं।
कांग्रेस की अनेक स्कीम में लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। कर्मचारियों ओपीएस की मांग की तो भारतीय जनता पार्टी के मुखिया जयराम ठाकुर ने कहा पेंशन चाहिए तो चुनाव लड़िये कर्मचारियों ने इसका भी जवाब दिया। एक कर्मचारी जिसे₹4000 पेंशन मिल रही थी एनपीएस में जब जब मुख्यमंत्री ने अपनी गारंटी पुरी की उस कर्मचारियों को आज 40000 महीना मिल रहा है जो उसके 1 साल की पेंशन के बराबर ही माना जाएगा तो क्या गुनाह है उस कर्मचारीको इतना पैंतन मिलना हकीकत जाननी है तो मकतेड़ी से हैं मदन अग्निहोत्री मैंने उनके साथ कई साल नौकरी भी की है। फोन नंबर चाहिए होगा तो ले लेना उनसे बात कर लेना। क्या आप कह सकते हैं कि इस मामले में हिमाचल के हित बेचे हैं। लिखने को इस पर खबर नहीं वहां ग्रंथ भी लिखा जा सकता है। बहुत से उदाहरण है जिनसे साबित होता है कि 2 साल में कांग्रेस की सरकार ने जश्न मनाने के लिए बहुत से कार्य किए हैं। सरकार का हम मूल्यांकन नहीं कर रहे लेकिन हमीरपुर जिला की भी बात नहीं करूंगा छोटे से विधानसभा क्षेत्र जो मेरी कर्म भूमि है उसकी बात करते हैं बाबा बालक नाथ को जाने वाली सड़क जिसमें सलोनी से सफर शुरू करें बिजडी तक जाते-जाते सिर घूम जाता इतने तीखे मोड़ है भारतीय जनता पार्टी ने उस सड़क को दो बार उनकी सरकार रही क्यों नहीं बनाने का प्रयास किया चौड़ा करने का प्रयास। मुख्यमंत्री ने 26 करोड रुपए की राशि स्वीकृत करवा कर टेंडर की सारी प्रक्रियाएं पूरी कर उसे कार्य को शुरू करवा दिया है क्या इसे आप हिमाचल के हित बेचना कहेंगे। बिल्कुल नहीं। बड़सर में मिनी सचिवालय जिसका शिलान्यास भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया 12 सालों तक उस कार्य को शुरू तक नहीं किया गया अंतिम वर्ष में जयराम ठाकुर ने मेहरबानी कर बजट में 90 लाख स्वीकृत किए तब 12 सालों बाद कार्य शुरू हुआ 5 साल में तो बन जाना चाहिए था। क्यों नहीं प्रयास हुए। दोषी कौन था सुखविंदर सिंह गलतियां आप करें सजा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को दी जाए कम से कम पत्रकारिता में हम चुप बैठने वालों में नहीं है। दर्द तब होता है जब अपने बिछड़ते हैं दुनिया से वरना रोज मौतें होती है कौन किसके लिए रोता है। जब वाप बिछड़ता है उसकी मृत्यु होती है तब पता चलता है की मारा कौन है जिसका बाप मरता वही जानता।
आज17 करोड रुपए का मिनी सचिवालय बनकर तैयार हो गया है उसके लिए पैसे का प्रावधान किसने किया आप कह सकते हैं कि एक सरकार में शुरू हुआ प्रोजेक्ट दूसरी सरकार ही पूरा करती है अच्छी बात है हम भी मानते हैं लेकिन अगर धीमी गति से पैसा मिलता तो आज मिनी सचिवालय तैयार नहीं होता इसके लिए भाजपा कहीं ना कहीं दोषी है। लेकिन प्रेम कुमार धूमल बधाई केपात्र हैं शिलान्यास नहीं किया होता उन्होंने तो अड्डे का भी शिलान्यास किया था भाजपा की 5 साल सरकार रही क्यों नहीं बना। आपका प्रश्न हुआ कि 2 साल में मुख्यमंत्री ने क्यों नहीं बना दिया। 2 साल में 1 साल तो कांग्रेस पार्टी के ही विधायक रहे क्यों नहीं बना। मुझे लगता है विरोध के लिए विरोध करना लोकतंत्र नहीं हो सकता उसे कुर्सी तंत्र जरूर कहा जा सकता है। हम यह भी नहीं कहते हैं कि मुख्यमंत्री भी दूध के धुले हुए हैं होंगी उनमें भी बहुत सी कमियां लेकिन कमियां देखकर गलियां निकालना कहां तक सही है 16 कला संपूर्ण कौन है राजनीति में हिमाचल में एक भी भारतीय जनता पार्टी के नेता का क्या नाम है जो कह सके मैं राजनीति में जो किया सही कहा सही किया पंडित ,,शांता कुमार कह सकते हैं आप लेकिन दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने दोनों बार ही सरकार नहीं चला पाए 5 साल।
बातें बहुत हैं लेकिन लगातार अगले लेखो में पढ़ते रहिए। टॉप न्यूज से जुड़े रहिए तथा अगर हम गलत हैं तो मार्गदर्शन भी करते रहिए।
हम मुख्यमंत्री की कोई पीआर एजेंसी नहीं चलाते हैं जैसा हमने देखा अनुभव किया लिख दिया खबर है अच्छी लगे तो शेयर करें दिल में दर्द हो तो कमेंट भी करें हमारा भी मार्गदर्शन करते नहीं
सतीश शर्मा विट्टू
एमफिल पत्रकारिता एवंजनसंचार
मुख्य संपादक टॉप न्यूज मीडिया

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