मानव भारती विश्वविद्यालय का 20हजार करोड़ का घोटाला
एक पंचायत में खोल दी तीन तीन विश्वविद्यालय
शिमला। सतीश शर्मा विट्टू हिमाचल प्रदेश में मानव भारती विश्वविद्यालय को लेकर विधायक राजेंद्र राणा ने विस में प्रश्न उठाया की जब 2007में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी उसमें प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय एक्ट लाया गया उसके तहत प्रदेश में 17 विश्वविद्यालय खोले गए. नियमों को ताक पर रखकर मानव भारती विश्वविद्यालय को मंजूरी किसने दी। उसमें विश्वविद्यालय खोलने के लिए 50 बीघा जमीन की शर्त थी लेकिन इस मामले में कैबिनेट में दो बार मानव भारती विश्वविद्यालय को लेकर चर्चा की गई परंतु विश्वविद्यालय के पास 30 बीघे जमीन होने के कारण विश्वविद्यालय के लिए मंजूरी नहीं मिली। लेकिन तीसरी बार कैबिनेट में इस विश्वविद्यालय को मंजूरी दे दी गई नियमों को ताक पर रखा गया। सोलन जिला की एक पंचायत में तीन विश्वविद्यालय खोल दिए गए। तीन विश्वविद्यालयों में बच्चे कहां से आएंगे इसका भी जवाब राजिंदर राणा ने जानना चाहा। राजेंद्र राणा ने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय को लेकर जब शिकायत की गई तो कुछ डिग्रियों की जांच एसआईटी गठित कर की गई जिसमें 36000 डिग्रियां फर्जी पाई गई। उसके उपरांत 5000 डिग्रियां और फर्जी पाई गई है। राजेंद्र राणा ने कहा कि जिन डिग्रियों की जांच की गई उनमें से लगभग 41000 डिग्रियां फर्जी पाई गई है। राणा में प्रश्न उठाया है कि भारती विश्वविद्यालय द्वारा 5 लाख के करीब डिग्रियां फर्जी भेजी गई है जोकि 20000 करोड रुपए का घोटाला बनता है। उन्होंने कहा कि 1998 में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी उसमें भी इस विश्वविद्यालय के प्रबंधक को हिमाचल प्रदेश में 3 जिलों में डिप्लोमा कोर्स चलाने के लिए परमिशन दी गई थी जिसमें भी उसके खिलाफ 420 के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। शिक्षा विभाग में उसके खिलाफ पहले ही अपराधिक मामले चल रहे थे तो उसे विश्वविद्यालय शुरू करने की परमिशन किसने दी इसकी जानकारी सदन को दी जानी चाहिए। हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्तियां तथा स्टाफ की नियुक्तियां की भी जांच की जानी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश में इतना बड़ा घोटाला हुआ है इस घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। 2020 में हरियाणा की एक महिला को जब नौकरी लगी थी तो उसके खिलाफ जब कुछ लोगों ने शिकायत की उसकी शिक्षा को लेकर तो फर्जीवाड़ा सामने आया। इस मामले को लेकर राजेंद्र राणा 2020 से सवाल उठा रहे हैं लेकिन अभी तक इस मामले का पटाक्षेप नहीं हो पाया है। मानव भारती विश्वविद्यालय के साथ अन्य विश्वविद्यालयों की भी जांच की जानी चाहिए। अकेला मानव भारती विश्वविद्यालय रडार पर है प्रदेश के लोगों को पूरा हक है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों की निष्पक्ष जांच करवा कर दूध का दूध तथा पानी का पानी किया जाए।