हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा
शिमला । सतीश शर्मा विट्टू। हिमाचल प्रदेश के मंडी विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में धांधली किए जाने व जांच का मामला विधायक चन्द्रशेखर ने उठाया था। इस मामले पर राजेश धर्माणी विधायक ने विधानसभा में मामले का जिक्र करते हुए कहा की मंडी में जो क्लस्टर विश्विद्यालय खोला गया उसमें की गई नियुक्तियों की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने इसमें बड़े स्तर पर हेराफेरी का जिक्र किया है। राजेश धर्माणी ने कहा की कई विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में नियमों को ताक पर रखा गया है। ताक पर रखकर की जाने वाली नियुक्तियों के कारण विश्वविद्यालयों का स्तर देश में गिर रहा है। मंडी विश्वविद्यालय के अलावा केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा अन्य जगह भी नियुक्तियों में नियमों को ताक पर रखा गया। केंद्रीय विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर की नियुक्ति में भी नियमों को ताक पर रखा गया। हिमाचल प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों तथा मंडी विश्वविद्यालय में की गई नीतियों की जांच का दूध का दूध तथा पानी का पानी किया जाना चाहिए नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्तियों को रद्द किया जाना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में जो फर्जीवाड़े हुए हैं उनका भंडाफोड़ किया जाना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता नहीं होगी तो उस शिक्षा का कोई लाभ नहीं।

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