15 साल बाद वेतन में 15 प्रतिशत वृद्धि आश्वासन कर्मचारियों से धोखा

2.72 गुणांक लागू न किया तो जलाएंगे वेतन आयोग की प्रतियाँ

पंजाब वेतन आयोग के वर्ष 2006 में मिले लाभ के 15 साल बाद अब कर्मचारियों की सैलरी 15 साल बाद नए वेतन आयोग की रिपोर्ट से बढ़नी थी मगर पंजाब वेतन आयोग की ताज़ा रिपोर्ट ने 2.25 और 2.59 का अन्यायपूर्ण गुणांक लागू किया जिससे वेतन में आशातीत वृद्धि नहीं हो रही । ऐसे में 2.72 गुणांक की मांग कर रहे पंजाब के एक लाख कर्मचारियों जी हड़ताल मिटाने हेतु वर्ष 2016 से 15 प्रतिशत वेतन बढ़ौतरी का आश्वासन पंजाब सरकार ने दिया है मगर 15 साल बाद 15 प्रतिशत वृद्धि का सीधा मतलब ये होगा कि कर्मचारियों को दी गई अन्तरिम राहत को ही वेतन आयोग का लाभ माना जाएगा । इस तरह इस प्रस्ताव को हिमाचल के शिक्षक स्वीकार नहीं करेंगे । राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , शेर सिंह ,पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने कहा कि न्यूनतम 2.72 गुणांक ही कर्मचारियों को स्वीकार्य है क्योंकि पंजाब सरकार ने वेतन आयोग का लाभ देने में 5 साल का विलंब किया है । पंजाब के कर्मचारियों द्वारा 7 अगस्त को लुधियाना में रखी गई बैठक में संघ की ओर से 15 प्रतिशत वृद्धि फार्मूला को खारिज करने हेतु प्रस्ताव पंजाब जेसीसी को संघ ने भेजा है । संघ ने कहा कि 15 प्रतिशत वृद्धि सकल वेतन पर होती तो मंजूर की जाती मगर बेसिक पे पर 15 प्रतिशत वृद्धि मंजूर नहीं है । संघ ने कहा कि 2016 से 15 प्रतिशत लाभ बेसिक पर बढ़ाने पर अन्तरिम राहत का एरियर जुलाई 2018 तक औसत 23240 प्रति वर्ष मिलेगा और जुलाई , 2018 से प्रदेश में 21 प्रतिशत अन्तरिम राहत मिल रही है और इसके बाद एरियर लाभ शून्य हो जाएगा । वर्ष 2006 से 2015 सालाना डेढ़ प्रतिशत वेतन बढ़ाते का सूत्र मानते हुए वर्ष 2015 से 15 प्रतिशत वृद्धि समझ से परे है क्योंकि इंक्रीमेंट दर भी 3 प्रतिशत से कम नहीं होती । कर्मचारियों को औसत 79250 रूपये बढ़ावा देने का आश्वासन देने पर संघ ने पंजाब सरकार से पूछा है कि शिक्षक वर्ग व कर्मचारियों के लिए रिवाईज़्ड स्केल की औसत बढ़ौतरी सालाना 79250 करने का लिखित वचन पंजाब सरकार क्यों नहीं दे रही जबकि यह वृद्धि तो 3.01 गुणांक वाली है और पंजाब सरकार 2.72 गुणांक का भी लिखित वचन देने से सप्ताह में 3 बार मुकर गई । अब अगर पंजाब सरकार ने 2.72 गुणांक लागू न किया तो संघ वेतन आयोग रिपोर्ट की प्रतियाँ जलाएगा ।

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