राजा वीरभद्र सिंह पंचतत्व में विलीन
मोक्ष धाम में बेटे विक्रमादित्य ने दी मुखाग्नि
रामपुर । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह को आज रामपुर के मोक्ष धाम में लाखों की संख्या में पहुंचे राजा वीरभद्र सिंह के चाहने वालों के सामने उनके बेटे राजा vikramditya द्वारा मुखाग्नि दी गई। राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर मोक्ष धाम पहुंचाया गया। लाखों नम आंखों ने लोगों के दिलों की धड़कन को अंतिम विदाई थी। गमगीन माहौल में उनके चाहने वाले उन्हें निहारते रहे। 1962 में राजा वीरभद्र सिंह ने महासू से लोकसभा का चुनाव लड़ा था उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय भारतवर्ष के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को जाता है उसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी राजीव गांधी सहित कांग्रेस पार्टी के आल्हा नेताओं के सानिध्य में कार्य किया। एक समय ऐसा भी आया जब कांग्रेस पार्टी का पर्याय राजा वीरभद्र सिंह बन गए। लोग राजा वीरभद्र सिंह को ही कांग्रेस मानते थे। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की पौध तैयार करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की अन्य दलों से भी ऐसे हीरे तैयार किए जो विपक्ष के लिए नासूर बन गए। इतिहास के पन्नों में राजा वीरभद्र सिंह का नाम अमर रहेगा। उनका सपना अपने जीवन की ऑटो बायोग्राफी लिखने का अधूरा रह गया। उनके जीवन पर महान ग्रंथ महाकाव्या लिखा जा सकता है। महान हस्ती राजा वीरभद्र सिंह को अलविदा सलाम।