बड़सर। सतीश शर्मा।68 वें सहकारिता सप्ताह के शुभ अवसर पर समेला में ज़िला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया l जिसमें में बतोर मुख्यअतिथि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल नें शिरकत की l उन्होंने अपने सम्बोधन में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सहकारिता का मिशन केवल क़र्ज़ लेना व देना ही नहीं बल्कि यह चोबीसों घंटे किसी भी समय ग्रामीणों को  लेन देन की सुविधा उपलब्ध करवाता है l उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में युवाओं को सहकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए आगे आना होगा l सहकारिता  समूह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास व उत्थान में भी अपनी अहम भागीदारी कर रही है l उन्होंने सहकारी सभाओं के आधुनिकीकरण की पैरवी करते हुए कहा कि आज के दोर में अगर सहकारिता को आगे बढ़ना है तो इनका डिजिटलाइज़ेशन करना आवश्यक है l  धूमल ने कहा कि पहले हम साहूकारों से कर्ज लेकर भारी ब्याज अदा करते थे अब सहकारी सभाओं ने कम ब्याज पर यह सुविधा शुरू की है जिससे कि आम आदमी को कर्ज लेना आसान हो गया है कर्ज पर ब्याज की मात्रा कम होने के चलते समय पर कर्ज वापसी कर दी जाती है।
कार्यक्रम के आखिर में मुख्य अतिथि ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली सहकारी सभाओं के प्रतिनिधियों को   स्मृति चिन्ह तथा ट्राफी भेंट कर सम्मानित किया गया l
इस अवसर पर भोरज के पूर्व विधायक अनिल धीमन, बड़सर भाजपा मंडल अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर, श्रम कल्याण बोर्ड चेयरमेन राकेश बबली , बीडीसी चेरपरसन मंजु कुमारी, ज़िला सहकारी सभा अध्यक्ष यशवीर पटयाल सहित सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे l  कार्यक्रम में पहुंचने से पूर्व मुख्य अतिथि का फूल मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए गए विकास को गिनाया उन्होंने कहा कि 1998 से पूर्व हिमाचल प्रदेश में b.ed की शिक्षा के लिए बच्चों को बाहरी राज्यों में जाना पड़ता था जब हिमाचल प्रदेश के भाई बहन जम्मू कश्मीर में b.ed करने के लिए जा रहे थे तो आतंकवादियों ने रास्ते में बस को रोककर सभी हिंदू यात्रियों को गोलियों से भून डाला उस घटना के उपरांत जब वह तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान उस परिवार से सहानुभूति प्राप्त करने के लिए उनके आवास पर गए तो जिन बच्चों की मौत हुई थी उनके माता-पिता ने मासूमियत से पूछा की क्या हिमाचल के बच्चे हिमाचल प्रदेश में b.ed भी नहीं कर सकते उसके उपरांत उन्होंने हिमाचल प्रदेश में 24 b.ed कॉलेज निजी क्षेत्र में खोलें परंतु विपक्ष ने उसका जमकर विरोध किया परंतु जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई तो हिमाचल प्रदेश में निजी बीएड कॉलेजों की संख्या बढ़कर 72 हो गई। उन्होंने कहा कि जो गांव सड़क से जुड़ जाते हैं उनमें विकास की अधिक संभावनाएं होती हैं। इस मौके पर उन्होंने युवा वर्ग में सहकार सेना जुड़ने के बारे में भी चिंता प्रकट की।उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतर आबादी ग्रामों में बसती है लेकिन युवा सहकार होना अपनाकर इसके विकास में बाधा बन रहे हैं। उन्होंने लोगों से सहकारी सोसायटी ओं से जुड़ कर आगे बढ़ने की बात कही।

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