दांत के दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकता है कैंसर.. ..

सामान्यतः दांतों में इंफेक्शन या कीड़े की शुरुआत ऊपरी सतह से होती है जिसे इनेमल कहा जाता है और धीरे-धीरे दूसरी परत (डेन्टीन) एवं फिर तीसरी सतह (पल्प) में प्रवेश कर जाता है। पहली दो परतों में मरीज को ज्यादा दर्द या बीमारी का आभास नहीं होता किन्तु जब दांत की अंदरूनी परत में इंफेक्शन पहुंच जाता है, तो गंभीर दर्द का एहसास होता है। ऐसे हालात में भी मरीज मेडिकल स्टोर से दर्द निवारक गोली लेकर स्वयं उपचार करते रहते हैं। परिणामस्वरूप धीरे-धीरे दांत की जड़ के नीचे मवाद पड़ जाती है और एक छोटी गांठ का रूप धारण कर लेती है। इसे ग्रेनोलोमा कहते हैं। यदि अब भी इस रोग को नजरअंदाज किया जाए, तो यह सिस्ट या फिर ट्यूमर (कैंसर) में परिवर्तित हो जाता है..!!

क्या करें –
प्रत्येक छह महीने में दांतों का चकअप कराएं। दांतों के रोग का प्रारंभिक अवस्था में पता नहीं चलता। अत: चेकअप आवश्यक है।
नियमित रूप से दिन में दो बार ब्रश करें।
दांतों के बीच की दरारों को डेन्टल फ्लॉस द्वारा साफ करें।
विटामिन युक्त पदार्थों का सेवन करें। जैसे हरी सब्जियां और फल।
फास्ट फूड का सेवन कम करें।
वर्ष में दो बार दांतों की सफाई (स्केलिंग)करवाएं।

लाल निशान हो जाते हैं –
जो व्यक्ति तंबाकू का उपयोग करते हैं उनके प्रारंभिक लक्षण मसूड़ों एवं गालों की अंदरूनी त्वचा पर देखे जा सकते हैं। ऐसे में त्वचा पर सफेद और लाल निशान पड़ जाते हैं। मुख का खुलना बहुत कम हो जाता है। समय पर इसका इलाज नहीं कराए जाने पर जो कि प्रारंभिक अवस्था में दंत चिकित्सक द्वारा पूर्णतया संभव है, तो ये कैंसर में बदल जाते हैं एवं जानलेवा सिद्ध हो सकते हैं।
ऐसे हालात में लापरवाही करना सही नहीं है। तुरंत दंत चिकित्सक से परामर्श कर चिकित्सा करानी चाहिए.. !!

Dr Anupam Sharma

सौजन्य गुरु कृपा डेंटल Mehre तहसील बडसरजिला Hamirpur

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here