टॉप न्यूज का इतिहास इसलिए लिख दिया गया ताकि लोगों को किसी प्रकार का शक न रहे कि हम कहां जुड़े हैं। सभी दर्शकों को समर्पित

कोरोना महामारी के दौरान टॉप न्यूज का उदय हुआ तथा आज चमकता हुआसूरज बन गया

हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू/ मुख्य संपादक टॉप न्यूज

टॉप न्यूज हमीरपुर जिला के छोटे से गांव गवली कोठी में रहने वाले हम 70 के दशक में इस गांव में आए थे। मेरा जन्म कांगड़ा जिला के शाहपुर की आईटीआई के क्वार्टर में हुआ था मेरे पिताजी वहां नौकरी करते थे। पिताजी की अधिकतर शिक्षा पंजाब के अमृतसर में हुई थी। मेरे दादाजी लाहौर में दुकान करते थे हलवाई की दुकान चलाते थे लेकिन 1947 के विभाजन के बंटवारे ने दादाजी को अमृतसर पहुंचा दिया। जलियांवाला बाग के सामने दादाजी अपने परिवार के साथ रहते थे परिवार में पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी दो बेटियों की शादी हो चुकी थी दो बेटे थे एक मेरे पिताजी दूसरे मेरे चाचा जी। पिताजी को उस समय दादाजी ने बालमुकुंद खत्री हाई स्कूल अमृतसर में दाखिला दिलाया था। उस समय अमृतसर का यह स्कूल प्रतिष्ठित स्कूलों में गिना जाता था स्कूल से पढे कई बच्चे प्रमुख पौधों पर सेवाएं दे रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद पिताजी ने जब नौकरी के लिए फॉर्म भरे तो पहले ही अटेम्प्ट में उन्होंने परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल कर सफलता हासिल की। तात्कालिक पंजाब के कुल्लू में उन्हें नौकरी मिली। पहले नौकरी के बाद उनका तबादला शिमला प्रदेश की राजधानी में हुआ। पिताजी शिमला के टूट्टी कंडी क्वार्टर्स में रहते थे। हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी पंजाब स्केल के लिए मांग कर रहे थे। उस दौरान हिमाचल प्रदेश राजपत्रित कर्मचारी यूनियन के कई नेताओं को जिलों में डाल दिया गया था। पिताजी अच्छे वक्ता थे। माल रोड पर ना नारेबाजी करने तथा कर्मचारियों की मांगे उठाते हुए वहां कर्मचारियों से जब पुलिस ने बदतमीजी की तो पिताजी ने डीएसपी रैंक के अधिकारी को थप्पड़ मार दिया था। उसके बाद मामला लंबा चला। तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार ने जब कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया तो उस मामले में भी बड़ा दिलचस्प मोड़ आया था। राजनेता जिस प्रकार से दबाव बनाते हैं पिताजी को भी ऑफर दिया गया कर्मचारियों का साथ छोड़ने का। लेकिन उन्होंने तथा यूनियन के नेताओं ने जिन्हें डॉक्टर वाई एस परमार ने बुलाया था साफ संदेश दिया गया की हम कर्मचारियों की मांग को मान लो पंजाब स्केल दे दो। जितने हमारे कर्मचारी जेलों में है उन्हें छोड़ दो हमारी सरकार से कोई लड़ाई नहीं है। यशवंत सिंह परमार जिनका दिल्ली दरबार इंदिरा गांधी के पास सीधा डंका बजता था डॉक्टर परमार झुके। कर्मचारियों की मांग को माना आज भी हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब स्केल मिल रहा है। पिछले कल हिमाचल प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी को सरकार ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के लिए सर्विस रूल का हवाना देकर कारण बताओं नोटिस जारी किया है लेकिन हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी संजीव कुमार के पक्ष में बोलने को तैयार नहीं है।
उस दौरान जब शिमला में कर्मचारियों की हड़ताल चल रही थी मेरी माता मुझे लेकर अपने गांव गवली कोठी आ गई। गांव में हमारा 15 बाय 10 का एक कच्चा मकान होता था। उसमें खपरैल की छत थी जो शायद वारिश में काफी टपकती थी। बारिश में हमारे घर में जितने बर्तन होते थे उन्हें जगह-जगह रखकर पानी इकट्ठा किया जाता था तथा बारिश के बाद उसे बाहर फेंक दिया जाता था। उसके बाद दादा की मौत हो गई। दादाजी गांव में एक मकान बनाना चाहते थे। काम भी शुरू कर दिया था लेकिन उनके जाने के बाद लगा कि शायद मकान नहीं बनेगा। लेकिन पापा ने हिम्मत कर उस समय जो मकान बनाया गांव का शायद सबसे पहले पक्का मकान था। उस समय का डबल मंजिल मकान। हमारी पढ़ाई शुरू हुई राजकीय प्राथमिक पाठशाला चंगर के बाद, राजकीय मिडिल स्कूल बुमबलू, हाई स्कूल कुल्हेडा , सीनियर सेकेंडरी स्कूल झिरालडी के बाद डिग्री कॉलेज हमीरपुर, सरदार वल्लभभाई पटेल कॉलेज मंडी से शिक्षा प्राप्त कर। दीनदयाल उपाध्याय डिग्री कॉलेज बड़सर से शिक्षण का कार्य शुरू किया 1994 में शुरू किया। 1994 से लेकर 2006 तक कॉलेज में प्रवक्ता इंग्लिश तथा न्यू दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर तथा इसी कॉलेज के सीनियर सेकेंडरी बिंग कभी संचालन किया। पत्रकारिता बचपन से ही शौक रहा जब 9th क्लास में पढ़ता था हिमाचल केसरी साप्ताहिक समाचार पत्र में संपादक के नाम खत से लिखना शुरू किया था। लिखने का शौक इतना की उस साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक प्रवीण राय के प्यार में पत्रकार बना दिया जो आज टॉप न्यूज के रूप में देश-विदेश के करोड़ों दर्शकों के लिए परिवार का हिस्सा है। प्रिंट मीडिया में भी जनसत्ता से अपना सफर शुरू कर अजीत समाचार, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक सवेरा, आपका फैसला, दैनिक भास्कर, सहित विभिन्न समाचार पत्रों में समाचार लिखने का कार्य किया। टॉप न्यूज का जब सफर शुरू हुआ तो सबसे पहले फेसबुक लाइव पर सक्रिय हुए। उस समय समय अमर उजाला अखबार को धन्यवाद कर अपना उपक्रम टॉप न्यूज शुरू किया उस दिन के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। टॉप न्यूज हिमाचल ही नहीं विभिन्न देशों में भी आज हमारे करोड़ों दर्शक हैं। टॉप न्यूज यूट्यूब चैनल पर भी देश-विदेश में डंका बज रहा है। टॉप न्यूज प्रिंट मीडिया डिजिटल वेबसाइट टॉप news.in पर भी समाचार प्रकाशित किए जाते हैं।
अब मुख्य मुद्दे पर आते हैं खबरों के बारे में समझौता करने का सवाल ही नहीं उठाता। सरकार से हम₹1 का विज्ञापन नहीं लेते हैं। हमारा चैनल लाखों करोड़ों लोगों के प्यार से चल रहा है। विज्ञापन जो देते हैं उनका मकसद रहता है खबरों में उनका ख्याल रखा जाए। लेकिन खबरें हमारे लिए खबरें ही हैं खबरों के लिए कोई समझौता नहीं सरकार गलत करेगी उसकी जमकर विरोध किया जाएगा। सरकार अच्छा करेगी इसकी जितनी सराहना हो जितना प्रचार हो किया जाएगा। विपक्ष अच्छा कार्य करेगा विपक्ष की कवरेज प्रमुखता से की जाएगी। खबर को खबर की तरह ही पेश किया जाएगा किसी के मन में भ्रम हो तो निकाल दे। पत्रकारिता को हमने जीवन समर्पित किया है। जीना भी इसी के लिए है। गरीब लोगों के लिए हमेशा हमारे रास्ते खुले हैं। सच को सच कहना हमें आता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जब उनके खिलाफ जो कांग्रेस के विधायकों ने षडयंत्र किया था पार्टी छोड़कर कांग्रेस के तथा आजाद विधायक चले गए थे उसके बाद जब टिकट देने की बारी बड़सर में आई हमने उसमें खबर की थी की सुभाष ढटवलिया को टिकट मिलेगा। कांग्रेस पार्टी ने भी उसके 5 दिन के बाद टिकट घोषित किया था। हमारी खबर सत्य निकली। चुनाव के दौरान हमने खबर की थी कि जो माहौल है जिस प्रकार लोग कांग्रेस का ड्रामा चल रहा है कांग्रेस जोर लगा ले कांग्रेस का प्रत्याशी जीत नहीं सकता। लोगों को लगा कि हम इंद्र दत्त लखनपाल का प्रचार कर रहे हैं। लोग सही भी हो सकते हैं लेकिन हमारा लगभग 40 साल का पत्रकारता का अनुभव था सुभाष मुख्यमंत्री की 12 जन सभाओं के बाद भी चुनाव हार गये। बाबा बालक नाथ ट्रस्ट के ट्रस्ट को भंग किया जाना था हमने सरकारी आदेशों से 24 घंटे पहले खबर प्रकाशित की की गैर सरकारी सदस्य 12 तथा 20 से अधिक स्पेशल इनवाइटी सभी सदस्यों को सरकार हटाएगी। लोगों ने दर्शकों ने प्रश्न भी किया की सरकारी नोटिफिकेशन कहां है। अगले दिन जब जब बाबा बालक नाथ ट्रस्ट की बैठक थी सभी ट्रस्टी वहां पहुंचे थे जब मैं उसे बैठक की कवरेज के लिए बाबा बालक नाथ मंदिर का गेट क्रॉस कर रहा था उस समय जिलाधीश हमीरपुर ने ट्रस्ट भंग करने की नोटिफिकेशन जारी की थी। खबरों के साथ भाई समझौता नहीं हो सकता। खबरें खबरें हैं। पूरे देश दुनिया की कवरेज कोई भी मीडिया समूह नहीं कर सकता हम भी नहीं लेकिन जहां हैं वहां की कोई खबर छूटे नहीं। हमेशा प्रयास यही रहेगा। आपका प्यार स्नेह बना रहे। भगवान ने इतना दिया है जितनी हमारी औकात भी नहीं थी शायद ऐसी कोई इच्छा नहीं जो उस मलिक ने पूरी नहीं की। हमारा भी फर्ज बनता है उस मालिक का धन्यवाद करने का। दाता तेरा लाख-लाख शुक्र है।
सतीश शर्मा बिट्टू मेरा नाम है छोटी सी कहानी मेरी पहचान है। खबरों के मामले में आपका प्यार मिलता रहे।
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जहां तक मेरी शिक्षा का संबंध है डिग्री कॉलज हमीरपुर से ग्रेजुएशन करनेके बाद पीजी कॉलेज सरदार वल्लभभाई पटेल कॉलेज मंडी से एम ए इंग्लिश, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालयसे पोस्टग्रेजुएट डिग्री समाजशास्त्र, पत्रकारिता में जनसंचार की डिग्री, पोस्टग्रेजुएट डिग्री शिक्षा, पत्रकारिता में एमफिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन,  पीजी पर्सनल मैनेजमेंट है । किसी प्रकार की जानकारी के लिए मेरे मोबाइल नंबर तथा व्हाट्सएप नंबर का प्रयोग करें9218747777

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