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ब्रेकिंग टॉप न्यूज स्टोरी
ये कहां की रीत है जागे कोई
सोए कोई,रात सबकी है तो नींद सबको आनी चाहिए।
मदन मोहन मिश्रा का शेयर
सड़क की सुविधा तो सबको मिलनी चाहिए
मठ समाधि स्थल बाबा बालक नाथ तथा राजा भरतरी हरी की तपोभूमि सड़क सुविधा से वंचित
हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं सूरत तो बदलना चाहिए।
खबर पढ़कर आपकी आंखों में भी आंसू आएंगे व्यवस्था को देखकर
बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू।ये कहां की रीत है जागे कोई सोए कोई, रात सब की है तो नींद सबको आनी चाहिए लेकिन हिमाचल प्रदेश जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है आज भी कई ऐसे स्थल हैं जिनका विकास किया जाना चाहिए लेकिन मदन मोहन मिश्रा का शेयर लागू हो रहा है। हम बात कर रहे हैं प्रदेश के सबसे छोटा जिला हमीरपुर जिसने प्रदेश को दो मुख्यमंत्री दिए प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल दो बार मुख्यमंत्री रहे तथा वर्तमान में भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रेम कुमार धूमल को तो सड़कों वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध से जुड़ी मठ समाधि स्थल की जहां पर बाबा बालक नाथ तथा राजा भरतरी हरी एक समय में तपस्या भी करते थे तथा नहाने के लिए इस स्थल पर आकर हर दिन अलग जागते थे। इस स्थान को विकसित करने के लिए जो कार्य होना चाहिए आज तक नहीं हुआ। टॉप न्यूज इस मामले को लेकर जब इस स्थल पर पहुंचा तो जो देखा मन व्यथित हुआ। 1 किलोमीटर के करीब सड़क को पक्का कर दिया जाए तो इस स्थान पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा करीब 200 मीटर सड़क सुविधा से जोड़दिया जाए तो दोनों सड़क आपस में मिलकर श्रद्धालुओं के लिए वरदान बन सकती हैं। मामला लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य के समक्ष भी उठाया गया लेकिन मजाल है कि सड़क का कार्य पूरा करवाया जाए। मामला पूर्व में विधायक मनजीत सिंह डोगरा के समक्ष भी रखा गया। वर्तमान विधायक इंद्र दत्त लखनपाल को भी कई बार इस मामले से अवगत करवाया गया लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। बाबा बालक नाथ मंदिर से पैदल भी एक रास्ता है वहां तक पैदल जाने के लिए 15 मिनट तथा वापस आने के लिए आधा घंटा काफी है लेकिन इस स्थान को रज्जू मार्ग से साथ में जोड़ दिया जाए तो करोड़ों रुपए की आएगी प्राप्त की जा सकती है।
इस स्थान पर पुराने महंत जो बाबा बालक नाथ मंदिर के साथ जुड़े रहे हैं उनकी भी कई समाधिया हैं। इसके अलावा बाबा बालक नाथ तथा राजा भरथरी हरी की मूर्तियां को मंदिर में रखी गई है। जिन्हें संवारने के लिए वीरेंद्र चौधरी जो यूके लंदन में रहते हैं बाबा बालक नाथ मंदिर से जुड़े रहे हैं उन्होंने भी सराहनीय प्रयास किए हैं लेकिन वह भी काफी आहत है की हर मंच पर मामला उठाने के बाद सड़क नहीं बनाई जा रही।
मुख्यमंत्री से है अंतिम उम्मीद
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह बाबा बालक नाथ भक्त हैं मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पत्नी सहित बाबा बालक नाथ पहुंचे थे। बाबा बालक नाथ मंदिर पहुंचने के बाद उनकी पत्नी भी देहरा से विधायक बन गई हैं। इस सड़क के निर्माण में अंतिम आप मुख्यमंत्री हैं मुख्यमंत्री के नजदीक के लोग भी इस खबर को मुख्यमंत्री तक पहुंच कर इस मामले में सहयोग कर सकते हैं।
टॉप न्यूज के प्रयास जारी
हमारे ध्यान में जैसे ही मामला आया हमने हर मंच पर इसे उठाने शुरू किया है। बाबा बालक नाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष एसडीएम राजेंद्र कुमार गौतम, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के समक्ष भी मामला उठाया गया है। पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा भी इस मामले में सक्रिय हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। विधायक लखनपाल से भी उम्मीद है कि इस मामले को हल करवाया जाए।
मदन मोहन मिश्रा का जो शेयर हमने आप किस्मत शुरू में उठाया है। उसमें यही कहना चाहता हूं रात पर सबका हक है सबको नींद आनी चाहिए मठ समाधि स्थल पर सड़क बनी ही चाहिए।
जो इस मामले में रोड़ा बने हैं बाबा बालक नाथ उनको भी सद्बुद्धि दे तथा इस मामले का तत्काल हल किया जाए।

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