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मुख्य संपादक सतीश शर्मा विट्टू
एमफिल पत्रकारिता एवं जनसंचार
शिमला।
आधुनिक हिमाचल निर्माता राजा वीरभद्र का हिमाचल निमार्ण महत्वपूर्ण योगदान
राजा वीरभद्र सिंह लीगेसी
हिमाचल के लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है राजा वीरभद्र सिंह
राजा वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे नेता थे जिनकी छाप प्रदेश के लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है। उन्हें हिमाचल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाता है।
राजा वीरभद्र सिंह के बारे में प्रमुख बातें
– *6 बार मुख्यमंत्री*: वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 6 बार रिकॉर्ड बनाया।
– *विकास के प्रतीक*: उन्हें हिमाचल के आधुनिक विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।
– *विरासत*: उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम
– *स्थान*: शिमला का ऐतिहासिक रिज मैदान
– *अतिथि*: सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री
– *माहौल*: खुशी और गर्व का माहौल, लोगों में राजा वीरभद्र सिंह के प्रति सम्मान
यादें और प्रभाव
– *1983 *: वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री बनने की यादें ताजा हुईं।
– *आपरेशन ब्लू स्टार*: 1984 की घटना का उल्लेख करते हुए पुरानी यादें साझा की गईं।
– *जनप्रिय नेता*: राजा वीरभद्र सिंह को हिमाचल के लोगों के दिलों में बसे नेता के रूप में देखा जाता है।
उनकी प्रतिमा का अनावरण एक महत्वपूर्ण अवसर है जो उनकी यादों को संजोए हुए है।
राजा नहीं फकीर था हिमाचल की तकदीर था
राजा वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण पर रिज मैदान पर जब रात को अपनी टीम के साथ पंहुचा। चारों ओर हजारों कुर्सियां व स्टेज सजाया गया था। पुरानी यादें ताजा हो गई। 1983 का वह दिन याद आया जब उनको मुख्यमंत्री बनाया। 1984में आपरेशन ब्लू स्टार जब हुआ था हाई स्कूल में दाखिल हुआ था। 1985में राजा वीरभद्र सिंह विस चुनाव में जीत कर हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। फिर 6 बार उन्होंने रिकार्ड दर्ज किया।1985में उनकी शादी प्रतिभा सिंह से हुई।आज उनकी लीगेसी को विक्रमादित्य संजो रहे हैं। सोनिया गांधी पहुंची है शिमला अनावरण मौके पर। खुशी का माहौल है कि राजा वीरभद्र सिंह की प्रतिमा को स्थापित करने का सपना सच हुआ।
राजा वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के एक प्रमुख नेता और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी प्रतिभा स्थापना का एक पूरा अलग अध्याय है लंबी लड़ाई के बाद सपना पूरा हुआ। लड़ाई भी अपनों से लड़नी पड़ी। अभी भी एक एफआईआर दर्ज है। संघर्ष जारी है।
प्रमुख बिंदु
– *जन्म और परिवार*: वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को हिमाचल प्रदेश के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में हुआ था।
– *शिक्षा*: उन्होंने बिशप कॉटन स्कूल, शिमला और सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से बीए (ऑनर्स) की शिक्षा प्राप्त की।
– *राजनीतिक करियर*: वीरभद्र सिंह 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और 5 बार लोकसभा सदस्य चुने गए।
– *पद*: वे केंद्रीय कैबिनेट में पर्यटन, उद्योग, इस्पात और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री रहे।
– *विवाह*: उन्होंने रत्ना कुमारी से पहली शादी की और बाद में प्रतिभा सिंह से दूसरी शादी की।
– *पुत्र*: उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह राजनीति में सक्रिय हैं।
उपलब्धियां और योगदान
– *हिमाचल का विकास*: वीरभद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश के आधुनिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।
– *पुरस्कार*: उन्हें गोल्डन पीकॉक एनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड और कृषि विपणन में उत्कृष्टता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
– *सामाजिक कार्य*: वे कई सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े थे।
निधन
– *तारीख*: 8 जुलाई 2021 को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका निधन हुआ।
– *कारण*: शरीर के अंगों का काम करना बंद कर देना, कोविड संक्रमण के बाद स्वास्थ्य समस्याएं ।
वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के एक प्रमुख नेता थे, जिन्होंने प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पहली बार मुख्यमंत्री बनना और सफर
– *पहली बार मुख्यमंत्री*: वीरभद्र सिंह अप्रैल 1983 में पहली बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
– *कार्यकाल*: वे 1983 से 1990, 1993 से 1998, और 2003 से 2007 तक मुख्यमंत्री रहे।
– *छठी बार मुख्यमंत्री*: 2012 में वे रिकॉर्ड छठी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री चुने गए।
राजनीतिक सफर के प्रमुख बिंदु
– *लोकसभा चुनाव*: उन्होंने 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीते।
– *विधानसभा चुनाव*: वे 8 बार विधायक रहे।
– *केंद्रीय मंत्री*: वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री, इस्पात मंत्री और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री रहे।
– *कांग्रेस में भूमिका*: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वे चार बार अध्यक्ष भी रहे।
व्यक्तिगत जीवन
– *जन्म*: 23 जून 1934 को शिमला जिले के सराहन में बुशहर रियासत के शाही परिवार में।
– *शिक्षा*: बिशप कॉटन स्कूल शिमला और सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से बीए (ऑनर्स)।
– *विवाह*: रत्ना कुमारी से पहली शादी और प्रतिभा सिंह से दूसरी शादी (1985)।
– *परिवार*: एक बेटा विक्रमादित्य सिंह और चार बेटियां ¹ ²।









