हमीरपुर सीट पर कांग्रेस ने पुष्पिंदर वर्मा को बनाया प्रत्याशी
नालागढ़ में बाबा हरदीप को दिया टिकट
हमीरपुर में मुकाबला अशीष शर्मा व पुष्पिंदर वर्मा में
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू। उपचुनाव में प्रदेश की हाट सीट हमीरपुर पर कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है
। 2022 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी में पुष्पेंद्र वर्मा को टिकट दिया था इस बार भी पार्टी ने पुष्पेंद्र वर्मा की दावेदारी पर मोहर लगाई है। पुष्पेंद्र वर्मा पैसे से डॉक्टर थे उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए अपनी सेवाओं से त्यागपत्र दे दिया था। चुनाव में आशीष शर्मा ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में आठ उम्मीदवार मैदान में थे मुख्य मुकाबला आशीष शर्मा तथा पुष्पेंद्र वर्मा के बीच हुआ था आशीष शर्मा को इस चुनाव में 25916 मत मिले थे। पुष्पेंद्र वर्मा को 13017 मत मिले थे। आशीष शर्मा 12899 मतों से विजय हुए थे। भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र ठाकुर की भी हर हुई थी वह तीसरे स्थान पर रहे थे।
हमीरपुर सीट का लंबा इतिहास रहा है 1972 में इस सीट पर रमेश चंद्र वर्मा चुनाव जीते थे। उसके बाद पांच बार ठाकुर जगदेव 1977 1982 1985 1990 1993 के विधानसभा चुनाव जीते थे। 1998 के चुनाव में उर्मिला ठाकुर जगदेव की बहू ने चुनाव जीता था। उसमें प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल की सरकार बनी थी। 2003 के विधानसभा चुनाव में अनीता वर्मा ने चुनाव जीता था। इसके अलावा प्रेम कुमार धूमल ने 2012 का चुनाव हमीरपुर से जीता था। 2017 का चुनाव नरेंद्र ठाकुर हमीरपुर से जीते थे। हमीरपुर विधानसभा सीट में 94 बूथ है। मतदाताओं की संख्या पिछले चुनाव में 75396 थी। इस बार वाटर में वृद्धि भी हुई है। पिछले चुनाव में 35622 पुरुष थे जबकि महिला वोटर की संख्या 37588 थी। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आशीष शर्मा कल नामांकन दाखिल करेंगे। पार्टी ने बाकायदा इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है पिछले कल हमीरपुर में पार्टी का एक महासम्मेलन हुआ है इसमें चुनाव के लिए जिन नेताओं की ड्यूटी लगाई गई थी सब उपस्थित थे। नामांकन के लिए भीड़ एकत्रित करने का जिम्मा लगाया गया है। इस उप चुनाव में हमीरपुर सीट पर कांटे की टक्कर होगी। भारतीय जनता पार्टी हर हर में इस सीट को झटक कर कांग्रेस को झटका देना चाहेगी जबकि मुख्यमंत्री अक्रामक बल्लेबाजी कर इस सीट को कांग्रेस की झोली में डालना चाहेंगे ताकि हमीरपुर जिला में 80% सीटों का कांग्रेस पार्टी का कब्जा हो जाए क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अथक प्रयासों से कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक में बडसर में इजाफा तो हुआ है लेकिन आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा मत कांग्रेस पार्टी बड़सर में प्राप्त करने के बाद भी सीट हार गई है। 2022 के चुनाव में जितने मत इंद्दत लखनपाल को मिले थे उससे भी अधिक मत सुभाष ने प्राप्त किए हैं लेकिन भाग्य का खेल वह चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री हर हाल में हमीरपुर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए दिन रात मेहनत करेंगे। कांग्रेस पार्टी द्वारा अन्य जिलों में महिलाओं को ₹1500 पेंशन देने में भी सफल रही है जिन महिलाओं ने पहले आवेदन कर रखे थे उन्हें 4500 रुपये एक मुफ्त उनके खातों में डाल दिए हैं। इसका लाभ भी कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में मिलने की पूरी उम्मीद है। हमीरपुर जिला में आचार संहिता के कारण यह राशि आचार संहिता हटाते ही डाली जाएगी। इस सीट पर काफी रोचक मुकाबला होगा।
पुष्पेंद्र वर्मा के पिता रणजीत सिंह वर्मा हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उद्योग मंत्री रह चुके हैं तथा कर्मचारी यूनियन में भी हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पंजाब स्केल लागू करवाने में रणजीत सिंह वर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पुष्पेंद्र वर्मा जिला में एनजीओ भी चलाते हैं। पिछला चुनाव हारने के बाद उनके प्रति लोगों में सहानुभूति भी है। मुख्यमंत्री इस सीट पर एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे। पिछले उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए बीके विधायक का टैग लगाकर जो आक्रामक प्रचार किया था उसके बाद कांग्रेस पार्टी प्रदेश में 6 में से चार सीटों पर जीत गई थी। मुख्यमंत्री की नजर प्रदेश की तीन सीटों पर भी है। महाभारत का मैदान सज गया है अब आशीष तथा पुष्पेंद्र वर्मा मोहरे हैं जबकि असली लड़ाई भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस के बीच में है। सारथी के रूप में कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की भूमिका पर सब की नजर रहेगी किस प्रकार से वह पुष्पेंद्र वर्मा का रथ हांकेंगे। हार जीत का पता मत गणना के दिन चलेगा।
आजाद तौर पर भी पिछले चुनाव की तरह कई प्रत्याशी मैदान में होंगे। नरेश दर्जी ने तो बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा कर दी है कि वह आशीष शर्मा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे।