हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व विधायक बंबर ठाकुर बोले- पुलिस कर्मियों के परिजनों पर एफआईआर लोकतंत्र की हत्या
बिलासपुर। सतीश शर्मा।
– पूर्व कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपना हर नागरिक का हक है। इसे न सरकार छीन सकती है और न पुलिस प्रशासन। फिर ऐसा क्या हुआ कि अपने बच्चों के हक की मांग कर रहे पुलिस कर्मियों के परिजनों के खिलाफ एसपी बिलासपुर को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। पुलिस कर्मियों के परिजनों पर एफआईआर दर्ज करना लोकतंत्र की हत्या है। अगर दो दिन में एफआईआर निरस्त नहीं हुई तो एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस के हक की मांग को लेकर सचिवालय का भी घेराव करेंगे। बंबर ठाकुर ने परिधि गृह बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई व्यक्ति किसी नेता को ज्ञापन देने गया हो और उस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की हो। पांच दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के दौरान यह घटना हुई। संशोधित पे बैंड की मांग कर रहे पुलिस कर्मियों के परिजनों की मांगें जायज थीं। उनका नड्डा को ज्ञापन सौंपना गलत नहीं था।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस की ओर से किए गए कार्य गिनवा कर चले गए। 26 दिसंबर, 2014 की कैबिनेट बैठक में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने बिलासपुर में एम्स के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। उसके बाद कोठीपुरा में पशुपालन विभाग की 600 बीघा भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रांसफर करवाई गई। बाकी की 600 बीघा भूमि की ट्रांसफर प्रक्रिया केंद्र से पूरी होनी थी। उस समय केंद्र में जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री थे। 2014 से 2016 तक फाइल रोकी गई। राजनीतिक लाभ के लिए 3 अक्तूबर, 2017 को नड्डा ने पीएम मोदी से एम्स का शिलान्यास करवाया। नड्डा का राजनीति में बहुत बड़ा कद है, इसलिए उन्हें इस स्तर का झूठ शोभा नहीं देता। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया तो वह बताएं कि जिस यूनिवर्सिटी में वह पढ़े, उसे किसने बनवाया। जिस अस्पताल में उनका इलाज होता है उसे किसने बनाया।