उत्तरी भारत के प्रमुख सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध की महंत परंपरा से जुड़ी समाधियों का इतिहास
कई शताब्दियों से बाबा बालक नाथ मंदिर की महंत परंपरा बाबा बालक नाथ तथा राजा भरतरी हरी से जुड़े स्थल की कहानी टॉप न्यूज पर
बाबा बालक नाथ मंदिर का इतिहास बाबा बालक नाथ के समकालीन राजा भरतरी हरी के साथ भी जुड़ा है। इस मंदिर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है महंत परंपरा का। महंत परंपरा से जुड़ी मैथ समाधि स्थल का आज टॉप न्यूज में दौरा किया तथा बाबा बालक नाथ मंदिर महंत परंपरा के साथ जुड़े रहे वीरेंद्र चौधरी जो यूके लंदन में बरसों तक सेवाएं देने के बाद रिटायर हुए हैं उनसे मिलकर इतिहास के कई पन्नों को आज कंगाल ने का मौका मिला। इस धार्मिक स्थल को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए तो कई लोगों को रोजगार मिलेगा तथा बाबा बालक नाथ मंदिर से जुड़े श्रद्धालुओं को इस स्थल से जुड़ने का मौका भी मिलेगा। लेकिन इसे दुर्भाग्य कहा जाए अथवा सरकार की उदासीनता ऐसे स्थानों को चिन्हित कर विकास करवाया जाए तो प्रदेश की आर्थिक की में भी सहयोग मिलेगा तथा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के बेहतर अवसर भी मिलेंगे। मैथ समाधि का क्षेत्र बाबा बालक नाथ मंदिर से पैदल 20 से 25 मिनट का रास्ता है लेकिन अगर सड़क मार्ग से बाया कलवाल पहुंचना हो तो तो लंबा सफर तय करना पड़ता है तथा करीब 1 किलोमीटर सड़क को अगर पक्का करवा दिया जाए तो श्रद्धालु काफी संख्या में इस स्थल पर पहुंच सकते हैं। वरिंदर चौधरी जो कलवाल पंचायत के प्रधान भी रहे हैं। बाबा बालक नाथ महंत परंपरा के साथ बरसों से जुड़े रहे हैं। उनकी शिक्षा का प्रबंध महंत द्वारा ही किया गया था। जब बाबा बालक नाथ मंदिर में लंगर व्यवस्था शुरू की गई कॉलेज खोला गया उस समय वीरेंद्र चौधरी महंत आवास पर अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर रहे। उसके बाद रोजगार की तलाश में यूके लंदन चले गए। 30 साल की सेवा के बाद लंदन अंडरग्राउंड रेलवे लाइन के मैनेजर के पद पद से रिटायर हुए हैं। उनका सपना है की मैथ समाधि स्थल को विकसित कर इस परंपरा को आगे बढ़ाया जाए। समाधि स्थल को सड़क सुविधा से जोड़ दिया जाए तो वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी। इस स्थल को विकसित करने के लिए उन्होंने लाखों रुपए खर्च कर विकास का बीड़ा भी उठाया है लेकिन 1 किलोमीटर सड़क कच्ची होने की वजह से इस मामले में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य के ध्यान में भी मामला लाया गया है। उसके बाद लोक निर्माण विभाग हरकत में भी आया है लेकिन जिस गति से कार्य आगे बढ़ना चाहिए अभी तक उस गति से कार्य नहीं हो पा रहा है। उनके मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग है कि इस समाधि स्थल को पक्की सड़क से सिर्फ जोड़ा जाए तथा वहां पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। जिसमें सार्वजनिक शौचालय तथा अन्य विकास के कार्य करवाने की मांग उन्होंने की है। पूर्व में महंत 1008 राजेंद्र गिरी महाराज द्वारा इस स्थल पर विकास कार्य शुरू करवाया गया है। सरकार तथा ट्रस्ट के साथ स्थानीय पंचायत सहयोग करें तो इस धार्मिक स्थल को विकसित करके कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया जा सकता है।

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