देवभूमि की चिंता
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की सरकार की अग्नि परीक्षा
हाई कोर्ट के फैसले के आगे हल क्या है
उजड़ने से पहले बसाने का भी सोचना होगा
हाई कोर्ट ने तो फैसला सुना दिया परंतु वास्तविक हल क्या है
कौन सोचेगा
मीडिया चुप क्यों है
प्रदेश के दो लाख लोग होंगे डायरेक्ट प्रभावित
10 लाख लोगों से जुड़ा है मामला लेकिन विपक्ष मौन, सरकार कुंभ करनी नींद सोई है
प्रभावित लोगों को नींद नहीं आ रही
मीडिया की खामोशी समझ से परे
कौन सोचेगा देवभूमि हिमाचल के बारे में
आपदा का कहर
कई लोगों के घर गिरे
अब जिनके नहीं गिरे उनको अवैध कब्जे हटाकर गिराओगे तो बह रहेंगे कहां
उनके लिए प्रशासन तिरपाल लेकर पहुंचेगा
अथवा उन्हें उन खाली बिल्डिंग में ठहराया जाएगा जो सरकारी स्कूल खाली हुए हैं जिनमें बच्चे नहीं पढ़ रहे।
पॉलिसी तो बननी चाहिए
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हिमाचल प्रदेश का हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला
प्रदेश में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग होंगे प्रभावित
सरकार को अध्यादेश लाकर इसमें लोगों की सहायता करनी होगी
वरना प्रदेश में हजारों लोग बेघर हो जाएंगे उनका क्या होगा
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें राज्य सरकार की उस नीति को रद्द कर दिया गया है, जिसके तहत सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को नियमित करने का प्रावधान था। इस फैसले के अनुसार, अब अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

*कितने लोग होंगे बेघर?*

लगभग 1 लाख 67 हजार लोगों को इस फैसले का सामना करना पड़ सकता है, जिन्होंने अवैध कब्जों को नियमित करने के लिए आवेदन किया था। इसके अलावा, सरकारी जमीन पर लगभग 57,549 कब्जे हैं, जो करीब 1,23,835 बीघा यानी 10,320 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं।

*क्या है कोर्ट का आदेश?*

हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह सरकारी जमीन से सभी प्रकार के अतिक्रमणों को कानून के अनुसार हटाने की दिशा में तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई शुरू करे और यह प्रक्रिया 28 फरवरी 2026 तक निष्कर्ष तक पहुंचाई जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने के खिलाफ दिए गए सभी स्थगन आदेश स्वतः रद्द माने जाएंगे

*सरकार की जिम्मेदारी*

अब सरकार को नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम के अधिकारियों को अतिक्रमण की सूचना देने और उसे हटाने की कार्रवाई शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपनी होगी। इसके लिए संबंधित कानून और नियमों में उचित संशोधन करने होंगे ².
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई शुरू हो सकती है, जिससे लगभग 1 लाख 67 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। इनमें से कई लोगों ने सरकारी जमीन पर घर बनाए हैं और उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

*क्या होगा उन लोगों का?*

– *पुनर्वास की आवश्यकता*: ऐसे लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करना आवश्यक होगा, ताकि वे बेघर न हों।
– *सरकारी सहायता*: सरकार एकमुश्त राशि लेकर सरकारी रेट पर सहायता प्रदान कर सकती है या फिर उन्हें वैकल्पिक आवास की पेशकश कर सकती है।
– *पॉलिसी बनाने की आवश्यकता*: सरकार को ऐसे लोगों के लिए एक पॉलिसी बनानी चाहिए जो अवैध कब्जों में रहते हैं और उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

*दिल्ली के मद्रासी कैंप का उदाहरण*

दिल्ली के मद्रासी कैंप में तोड़फोड़ के बाद कई लोगों को बेघर होना पड़ा था। हालांकि, कुछ परिवारों को नरेला में वैकल्पिक आवास की पेशकश की गई थी। लेकिन कई लोगों को अभी तक घर आवंटन नहीं मिला है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।

*सरकार की जिम्मेदारी*

सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करे और उन्हें उचित सहायता प्रदान करे। इसके लिए सरकार अध्यादेश लाकर एक बारगी ऐसे लोगों को सरकारी रेट पर सहायता प्रदान कर सकती है। कमैंट जरूर करें
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