बाथू में ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर तो भरमाड़ में बीमार बच्चे की संजय ने की आर्थिक सहायता
-एम्स हॉस्पिटल दिल्ली में भी बच्चे की देखभाल के लिए पराशर ने की व्यवस्था
डाडासीबा-
कैप्टन संजय का सामाजिक सरोकारों काे निभाने का मैराथन अभियान जारी है। अपने संसाधनों से पराशर जरूरतमंद परिवारों की समय पर पहुंच कर मदद कर रहे हैं। संजय की टीम ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के बाथू गांव में हृदय रोग से पीड़ित एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर पर ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर पहुंचाया तो जवाली तहसील के भरमाड़ गांव में पहुंचकर गंभीर बीमारी से पीड़ित तीन वर्षीय बच्चे की आर्थिक सहायता भी की। इस बच्चे की देखभाल के लिए एम्स हॉस्पिटल, दिल्ली में भी पराशर द्वारा विशेष व्यवस्था की जा रही है।
पराशर को बाथू गांव से मदन लाल ने संपर्क साधा और बताया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। दो घंटे के अंतराल में संजय ने अपनी टीम गांव में भेजी और कंस्ट्रेटर लगा दिया। मशीन लगने के बाद लाल को राहत महसूस हो रही थी और अब वह खुद को पहले से बेहतर महसूस कर रहे थे। वहीं, जवाली तहसील से शिब्बोथान (भरमाड़) गांव से पराशर को सुनीता देवी का फाेन आया और बताया कि उनका तीन वर्षीय बेटा अजय गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उसे शौच तक करने में बेहद मुश्किल पेश आती है। उसका इलाज दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में चल रहा है और अगले सप्ताह बच्चे के आपरेशन की तिथि चिकित्सकों द्वारा दी गई है। उनका परिवार आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं है कि दिल्ली आने-जाने व दवाईयों का खर्च उठा सके। ऐसे में वह असमंजस में हैं कि बेटे का आपरेशन कैसे करवाएं। संजय ने फोन आने के कुछ देर बाद अपनी टीम भरमाड़ गांव के लिए रवाना कर दी और मौके पर ही बेटे के इलाज के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवा दी। साथ में बच्चे का जब तक दिल्ली में इलाज चलेगा, उनकी टीम का एक सदस्य नियमित तौर पर बच्चे का हाल जानने के लिए अस्पताल में जाएगा और परिवार को अगर किसी प्रकार की आर्थिक या अन्य परेशानी होगी तो उसका भी निवारण किया जाएगा। वहीं, इस बच्चे के पिता गुलशन ने बताया कि पराशर के सामाजिक कार्यों को सुनकर पत्नी ने फोन कर दिया था, लेकिन इतनी जल्दी मदद के लिए टीम घर पहुंच जाएगी, ऐसा उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। आभार जताते हुए कहा कि आज के जमाने में इस तरह की निस्वार्थ सेवा भाव के उदाहरण देखने को नहीं मिलते हैं। बाथू गांव के मदन लाल ने भी संजय को परोपकारी बताते हुए कहा कि जीवन में कई बसंत देख चुके हैं, लेकिन जिस तरह से पराशर सामाजिक सरोकार निभा रहे हैं, इसके लिए वह उनकी सकारात्मक सोच को सलाम करते हैं। वहीं, कैप्टन संजय का कहना था कि अगर भगवान ने उन्हें सेवा करने का सामर्थ्य दिया है तो वह भी इन ईश्वरीय कार्यों को करने के लिए जीवन की अंतिम सांस तक योगदान देते रहेंगे।

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