हिमाचल प्रदेश में पुराने भाजपा नेता साइड लाइन क्यों
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान हालात
1998 से पहले बलदेव शर्मा हमीरपुर जिला की सक्रिय राजनीति में रहे हैं शामिल
27 साल की सक्रिय राजनीति के बाद हाशिये पर क्यों है बलदेव शर्मा तथा उनके परिवार
लगातार तीन बार रहे हैं विधायक, पांच बार बलदेव शर्मा को भाजपा ने दिया है टिकट एक बार उनकी धर्मपत्नी माया शर्मा ने भी लड़ा चुनाव
अब पार्टी के कार्यक्रमों में बड़सर में नजर नहीं आते दोनों
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जिन नेताओं ने कांग्रेस के साथ लंबा संघर्ष कर सत्ता में वापसी की है उन्हें साइड लाइन लगाकर भारतीय जनता पार्टी का भला हो सकता है क्या आज हम बात करेंगे हमीरपुर जिला की हमीरपुर जिला के बड़सर का इतिहास रहा है कि 1985 से 90 कांग्रेस की सरकार रही विधायक बने मनजीत सिंह डोगरा, 1993 से 1998 तक मनजीत सिंह डोगरा आजाद विधायक रहे। 90 से 92 में रामरतन विधायक बने थे लेकिन उनकी सरकार ढाई साल तक ही सता में रही।
1998 का जब चुनाव हुआ भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा में जिला हमीरपुर की राजनीति में बलदेव शर्मा को पार्टी का टिकट देकर मैदान में उतारा तथा बलदेव शर्मा ने 1998 का चुनाव कब जीता जब भारतीय जनता पार्टी जिला की 5 सीटों पर चुनाव जीतकर प्रदेश में सत्ता का केंद्र बनी प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने तथा बलदेव शर्मा की पूरा जिला में तूती बोलती थी। उसके बाद 2003 का चुनाव भी बलदेव शर्मा जीत गए। 2007 से 2012 तक बलदेव शर्मा विधायक रहे लेकिन उनका विरोध पार्टी में भाजपा के लोग ही करते रहे। लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद 2012 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इंद्र दत्त लखनपाल को टिकट देकर मैदान में उतारा 2012 का चुनाव लखनपाल ने जीता फिर 2017 का चुनाव बलदेव शर्मा वह चुनाव हार गये। 2022में बलदेव शर्मा की जगह उनकी धर्मपत्नी को टिकट दिया गया लेकिन इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के संजीव शर्मा ने आजाद चुनाव लड़ा तथा बलदेव शर्मा की धर्मपत्नी माया शर्मा चुनाव हार गई। 2024 में उपचुनाव हुआ तथा भारतीय जनता पार्टी का टिकट इंद्रदत लखनपाल को मिला। इस चुनाव में वोट का पीएम ,सीएम का नारा भी खूब लगा जिसका अर्थ था लोकसभा का वोट अनुराग सिंह ठाकुर को तथा विधायक का वोट कांग्रेस पार्टी के सुभाष ढटवलिया को लेकिन चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल चुनाव जीत गए। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में तीन बार विधायक रहे बलदेव शर्मा तथा उनकी टीम के कुछ लोगों को छोड़कर बाकी सब साइड लाइन लगाए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में बलदेव शर्मा जो तीन बार विधायक रहे हैं उनकी धर्मपत्नी माया शर्मा जी ने भाजपा ने चुनाव में प्रत्याशी बनाया था उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबा आदित्यनाथ योगी चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे अनुराग सिंह ठाकुर केंद्रीय मंत्री ने भी उनका प्रचार किया था इसके अलावा अन्य के नेता चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे परंतु उपचुनाव के बाद बलदेव शर्मा तथा उनकी धर्मपत्नी विभिन्न कार्यक्रमों से दूरी बनाकर रखे हुए हैं बलदेव शर्मा के समर्थक साइड लाइन में है। इसी प्रकार की स्थिति विभिन्न चुनाव क्षेत्र में है जहां पर कांग्रेस पार्टी के विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तथा चुनाव लड़ा है धर्मशाला में सुधीर शर्मा आगे हैं वहां भाजपा का कुनबा अलग-अलग पड़ा है। कुटलैहड में भी दविंदर भुट्टो भले ही आगे आगे हैं लेकिन वीरेंद्र कंवर अपने दम पर लड़ाई को आगे लड़ रहे हैं। उनकी छवि को लेकर भी सोशल मीडिया में भ्रम फैलाने के प्रयास किया जा रहे हैं। ऐसी स्थिति एक विधानसभा क्षेत्र में नहीं विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में बनी हुई है भारतीय जनता पार्टी के लिए जिन लोगों ने लंबा संघर्ष किया है उन्हें साइड लाइन लगाया जा रहा है। आने वाले समय में हाशिये पर धकेल गए भारतीय जनता पार्टी के नेता किस प्रकार रिएक्ट करेंगे देखने वाली बात यह है। भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है बहुत से नए लोग पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं लेकिन पुराने लोगों का दूरी बनाना पीड़ा दायक है। उनकी पीड़ा को समझने के लिए भी भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को आगे आना होगा वरना इसके गंभीर परिणाम पार्टी को भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।