ओम् मणिमहेश लंगर कमेटी मैहरे का लंगर मणिमहेश यात्रियों के लिए 7सितंबर से होगा शुरू
पांच सितंबर को रवाना होगी स्वंय सेवकों की टीम
लंगर स्थल पर कमेटी ने लगवाया हैंडपंप
हमीरपुर/ बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू।
ओम मणिमहेश लंगर कमेटी द्वारा 7 सितंबर से मणिमहेश यात्रा के लिए जाने वाले यात्रियों के लिए लंगर शुरू किया जाएगा चंबा के चमेरा में श्रद्धालुओं के लिए पिछले कई सालों से ओम मणिमहेश लंगर कमेटी मैहरे लंगर लगा रही है। स्वयंसेवकों की टीम 5 सितंबर को रवाना होगी तथा मणिमहेश जाने वाले यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था 7 सितंबर से शुरू हो जाएगी। संस्था के संयोजक राजकुमार ने बताया कि लंगर के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है पिछले कई सालों से संस्था लंगर लग रही है। इस साल भी श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था इस स्थल पर की गई है। हर साल लाखों रुपए खर्च कर संस्थान लंगर की व्यवस्था कर रही है।
पवित्र मणिमहेश यात्रा प्रशासनिक तौर पर 7 से आरंभ होकर 23 सितंबर तक चलेगी। यात्रा में शिवभक्तों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य रहेगा। इसके लिए बाकायदा डीसी चंबा के फेसबुक पेज पर पंजीकरण संबंधी लिंक भी शेयर किया गया है। यात्रा के आरंभ होने से पूर्व प्रशासन समस्त तैयारियां मुक्कमल करने में जुटा हुआ है। वहीं, 3 सितंबर से हवाई सेवा का लाभ भी श्रद्धालुओं को मिलना आरंभ हो जाएगा। इसके लिए प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। पहली मर्तबा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को हड़सर से आगे 13 किमी यात्रा के दौरान रास्ते में प्रति किमी दूरी, स्वास्थ्य, पुलिस और शौचालय संबंध सूचना के सूचना पट्ट भी देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं, यात्रा के दौरान कई नई जगहों पर लंगर लगे मिलेंगे। भारी बारिश के कारण पुरानी लंगर लगाने वाली जगहों के बह जाने के बाद इस प्रकार की व्यवस्था रहेगी। लंगर समितियों को शौचालय की व्यवस्था भी करनी होगी। इसके नियमित सफाई के लिए सफाई कर्मी की तैनाती भी करनी होगी। मणिमहेश यात्रा शुरू होने के साथ ही डल झील में ठंड बढ़ना भी शुरू हो गई है। रविवार को डल झील ठंड की वजह से जम गई। श्रद्धालुओं ने झील के ऊपर बनी बर्फ की परत को तोड़कर स्नान किया। ऐसे में सितंबर में शुरू हो रही मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है। डल झील में ठंड काफी बढ़ गई है। इसलिए यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ गर्म कपड़े लाना नहीं भूलना चाहिए। मणिमहेश यात्रा के लिए देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। मणिमहेश यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को अपना स्वास्थ्य चेकअप करवा कर ही यात्रा पर जाना चाहिए। इस यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को कई जगह ऑक्सीजन की कमी का भी सामना करना पड़ता है इसलिए स्वस्थ लोग ही यात्रा पर निकले। ठंड के मौसम में गर्म कपड़े भी महत्वपूर्ण रहते हैं। यात्रा के दौरान जब अंतिम आप और श्रद्धालु पहुंचते हैं तो उनकी सारी थकान समाप्त हो जाती है मणि के दर्शनों के साथ यात्रा को पूर्ण माना जाता है। ओम मणिमहेश लंगर कमेटी कई सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है संस्था से जुड़े सभी सदस्यों को कोटि-कोटि बधाई।