हिमाचल शैक्षिक सेवा आयोग स्थापना हेतु विचार करे सरकार

उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर शिक्षा सेवाओं के लिए भर्ती और अर्हता परीक्षाओं के आयोजन हेतु विशेष आयोग गठित करने हेतु विचार-विमर्श किया जाना चाहिए । उत्तर प्रदेश में यूपी सीनियर सकेंडरी सेवा चयन बोर्ड का गठन वर्ष 1982 में हुआ था और ये इंटर्मीडिएट स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करता है जबकि वर्ष 1980 से उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग शिक्षक भर्ती कार्य करता है । हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में राज्य लोक सेवा आयोग और प्रारम्भिक शिक्षा हेतु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अधीनस्थ सेवाएँ चयन आयोग करता है और शिक्षक अर्हता टीईटी का आयोजन शिक्षा बोर्ड करता है । इस तरह शिक्षकों की भर्ती और शैक्षिक अर्हताओं के लिए परीक्षा एक आयोग द्वारा नहीं ली जाती है और हिमाचल शैक्षिक सेवाओं के आयोजन के लिए ऐसे आयोग की स्थापना हेतु विचार-विमर्श किया जाना चाहिए । यह मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , शेर सिंह ,पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार से की है । हिमाचल में शिक्षा कैडर सबसे अधिक भर्ती,पदोन्नति और अर्हता वाला कैडर है और जेबीटी, टीजीटी , एलटी , शास्त्री, पंजाबी व उर्दू शिक्षक टीईटी के अलावा अब प्रवक्ता स्कूल न्यू टीईटी का आयोजन एक शिक्षा के विशेषज्ञ आयोग के अधीन होना चाहिए । कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति हेतु विभागीय परीक्षा का आयोजन करना और सेवारत शिक्षकों में सीधी पदोन्नति परीक्षा का आयोजन हिमाचल शैक्षिक सेवा आयोग कर सकता है । प्रदेश में प्राथमिक से उच्च शिक्षा क्षेत्र में समस्त प्रकार की भर्तियों को आयोजित करने हेतु विशेषज्ञों की सेवाएँ लेनी चाहिए । शिक्षा विभाग के जिला कार्यालयों और राज्य निदेशालयों के मुखियाओं का चयन पात्र सेवारत शिक्षकों में से होना चाहिए जबकि वर्तमान में हिमाचल शिक्षा सेवा के अभाव में एच0ए0एस0 अधिकारी ही शैक्षिक प्रशासन संभाल रहे हैं । पूरी उम्र शिक्षा विभाग में तैनात अनुभवी शिक्षकों के लिए ऐसे कमीशन उत्तीर्ण करने का अवसर मिलना ही चाहिए ।

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