न्यू पैंशन स्कीम के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार : हीर

प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर ने सिरमौर जिला की वर्चुअल बैठक में उपस्थित शिक्षकों को बताया कि नई पेंशन स्कीम को समाप्त करके पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करवाने हेतु सुप्रीम कोर्ट जाने को भी संघ तैयार है । पेंशन कर्मचारियों के जीवन के मौलिक अधिकार का अभिन्न भाग है जिसे सरकार के नियंत्रण में होना चाहिए और कल्याणकारी सरकार पेंशन के नाम पर मिल रही भिक्षा को उचित नहीं ठहरा सकती । ऐसे में न्यूनतम पेंशन गारंटी अधिनियम लागू करना होगा और पुरानी पेंशन स्कीम को पाने हेतु मरने की शर्त रखने की जगह वित्तीय प्रबंधन पर कार्य करके कर्मचारियों के परिवारों का भविष्य बचाना होगा क्योंकि नई पेंशन कर्मचारियों के परिवार देश की दस प्रतिशत आबादी है जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है । इसके अलावा भी वर्चुअल बैठक में अनुबंध की मार झेल रहे कर्मचारियों बारे चर्चा हुई ।

लंबे अनुबंध की मार झेल चुके कर्मचारियों को राहत दे सरकार

हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में वर्ष 2008 से शुरू हुई अनुबंध नियुक्तियों के चलते अनेकों शिक्षक लंबे समय बाद नियमित हुए और उनके इस नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो सकी है । प्रदेश सरकार से इन शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु समुचित राहत वाले प्रावधान करने की अपील इस बैठक में प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने की है वर्ष 2008 में अनुबंध पर नियुक्त शिक्षक 8 साल सेवाकाल के बाद वर्ष 2016 में नियमित किए गए और वर्ष 2010 में नियुक्त अनुबंध कर्मचारी 6 साल बाद वर्ष 2016 में ही नियमित हुए यानि अधिक सेवाकाल का कोई लाभ उनको नहीं मिला । वर्ष 2012 में नियुक्त अनुबंध कर्मचारी वर्ष 2017 में 5 साल अनुबंध सेवा उपरांत नियमित किए गए जबकि वर्ष 2015 में नियुक्त अनुबंध शिक्षक वर्ष 2018 में 3 साल सेवाकाल उपरांत ही नियमित हो गए । इस तरह अनुबंध शिक्षक 3 से 8 साल सेवाकाल के अंतराल पर नियमित हुए और लंबे अनुबंध का उनको कोई लाभ नहीं मिला । ऐसे में 5 वर्ष से अधिक अनुबंध झेल चुके शिक्षकों को पदोन्नति के लिए नियमित 5 साल की शर्त से मुक्त करना चाहिए । वर्ष 2016 के बाद नियमित होने से उनको 16290 या अपने पे बैंड व फुल ग्रेड पे का प्रारम्भिक वेतन भी नहीं मिला और अब पंजाब वेतन आयोग के लाभ भी कम मिलेंगे क्योंकि वर्ष 2011 में वे नियमित न थे और वर्ष 2016 में आरंभिक वेतन पर थे ।

पैट से जेबीटी बनने पर प्रोबेशन अनुचित

हीर ने कहा कि शिक्षा विभाग में 14 से 16 साल सेवाकाल बाद नियमित प्राथमिक सहायक शिक्षकों को जेबीटी बनने पर भी प्रोबेशन पर रखा जा रहा है जो कि अनुचित है क्योंकि प्रोबेशन उस कर्मचारी पर लगती है जो उस कैडर में नया हो और उसे कैडर में अपनी नौकरी अनुसार सामजस्य हेतु वक्त लगे मगर प्रशिक्षण कर चुके 14 से 16 साल शैक्षिक अनुभव वाले इन शिक्षकों पर प्रोबेशन इसलिए सही नहीं क्योंकि जेबीटी पदों पर शिक्षण कार्य करते हुए ही उन्होने आधी सेवा अवधि बिताई है । स्कूलों में एनटीटी शिक्षक भर्ती और मल्टी टास्क वर्कर्स भर्ती करने हेतु शीघ्र कार्यवाही की अपील भी सरकार से की गई है ।

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