मां को चिता तक पहुंचाने के लिए बेटे ने पेश की अनोखी मिसाल
कंधों पर उठाकर पहुंचाया श्मशान घाट
हिमाचल शर्मसार कर गया कांगड़ा जिला
कांगड़ा। काश यह खबर झूठी होती। आपदा के इस संकट काल में के दाग हिमाचल प्रदेश के माथे पर ऐसी लगी कि उन्हें धोया नहीं जा सकता। कांगड़ा जिले के रानीताल के आसपास के किसी व्यक्ति की मां की कोरोना के कारण मौत होती है तथा उसका दाह संस्कार करने के लिए उसके बेटे को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए मां को अपने कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ता है। ऐसी घटना हिमाचल प्रदेश की आज तक के इतिहास की शायद पहली घटना है। हमारा समाज इतना संवेदनहीन हो गया। व्यक्ति मां को कंधों पर उठाकर श्मशान घाट ले जाता है तो उसकी पत्नी उसके पीछे पीछे हाथ में श्मशान घाट में रस्मे निभाने के लिए समान एक हाथ में तथा दूसरे हाथ में अपने बेटा की उंगली पकड़कर उसे अपने साथ श्मशान घाट तक लेकर जाती है। कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है जनसंख्या के हिसाब से सबसे अधिक विधायक इसी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा पहुंचते। कांगड़ा में एक से बढ़कर एक समाजसेवी तथा नेता है। किसी को भी इस घटना की भनक तक नहीं लगी तो हम कह सकते हैं की नेता लोगों से कितने जुड़े हैं यह इसका एक उदाहरण है। एक बेटा मां को कंधों पर उठाकर श्मशान घाट ले जाता है। जबकि उसकी पत्नी धन्य है जो अपने बेटे को उंगली से पकड़ कर श्मशान घाट तक ले जाती है यारा कैसा विचित्र भाग्य का खेल है। हम व्यक्तिगत तौर पर आज शर्मिंदा है कि हमारे हिमाचल पर ऐसा दाग लगा जिसको कोई मिटा नहीं पाएगा। बेटे ने तो मां के दूध का कर्ज निभा दिया लेकिन हमारा समाज कहां जा रहा है। मृतक देह से ऐसा डर सही नहीं है। जब मृतक शरीर को नियमों के अनुसार रैप कर दिया जाता है तो उस मृतक देह से किसी फ्ल्यूड के साथ अगर संपर्क न हो तो कोरोना नहींं फैलता। विशेषज्ञों की राय है कि 72 घंटे तक वायरस जिंदा रहता है परंतु अगर मृतक शरीर को रैप किया गया है तथा पीईपी किट डालकर उसे आसानी से श्मशान घाट तक ले कर जाने में दिक्कत नहीं है अब तक ऐसा सुनने में नहीं आया कि कोई लाश उठाकर श्मशान घाट पहुंचाने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमण से मरा है। चिता में अग्नि देने के बाद चिता के तापमान में वायरस कभी जिंदा नहीं रह सकता। 70 से 80 डिग्री तक वायरस समाप्त हो जाता है। लेकिन चिता का तापमान तो 7000 डिग्री से लेकर अधिक होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here