रिपोर्ट अवधि बढ़ाना निराशाजनक

63 माह बाद भी पंजाब वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट जारी करने की बजाय इसकी अवधि 31 अगस्त,2021 तक बढ़ा दी जिससे पंजाब व हिमाचल के कर्मचारियों में घोर निराशा और रोष पनप चुका है। इस मामले में 2 जून को कैबिनेट चर्चा के वायदे कर चुकी पंजाब सरकार ने जुलाई 2021 से वेतन आयोग देने की घोषणा से फिर पलटी मार ली और कैबिनेट में भी इस चर्चा को लंबित कर दिया। कर्मचारियों के हितों से हो रहे इस खिलवाड़ की हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने कड़े शब्दों में निंदा की है । जनवरी 2016 से देय वेतन आयोग के लाभ लटकाने को अनुचित बताते हुए संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , संस्थापक सदस्य राकेश कानूनगो , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , पुष्पराज, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि वेतन आयोग की रिपोर्ट आने तक प्रदेश सरकार महंगाई भत्ते की किश्तें जारी करे और 153 प्रतिशत हो चुके डीए का 100 फीसदी भाग मूल वेतन में जोड़े। डी ए की फ्रीजिंग को खत्म करते हुए अब कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता मिलना ही चाहिए । संघ ने केंद्रीय वेतन आयोग के अच्छे प्रावधानों को लागू करने की मांग भी सरकार से की है क्योंकि पंजाब सरकार वेतन आयोग लागू करने में अनावश्यक विलंब कर रही है। ऐसे में प्रदेश के कर्मचारियों की एकमात्र आशा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं जिन्होंने बिना मांगे अंतरिम राहत भी कर्मचारियों को जारी की थी ।

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