उत्तरी भारत का प्रसिद्ध सिद्धपीठ का मंदिर अधिकारी हुआ बेलगाम आपने ही उच्च अधिकारियो पर भारी, मंदिर अध्यक्ष व आयुक्त वेबस
बड़सर( सतीश शर्मा

) जब से मंदिर अधिकारी संदीप चंदेल आए हैं तब से लेकर मंदिर में घोटाले व श्रदालुओं से अभद्र व्यवहार तक की शिकयत हो चुकी हैं परन्तु मंदिर अधिकारी के ऊपर कोई कारवाई न होने के कारण मंदिर अधिकारी के इतने हौसले बुलंद है कि वह अपने ही उच्च अधिकारी को कुछ नहीं समझ रहा वोह अपने चम की चला रहा हैँ ओर अपने तरीके से गुमराह कर उन पर भारी पड़ गया है।बीती 30 मार्च 2025 के लिये एक 100% हैंडीकेप के लिये पंजाब से मनोज जस्वाल नामक श्रदालु ने अपनी बहन के लिये दो रात्रि के लिये एक रूम माँगा जिस के पहले देने के लिये आयुक्त व उपायुक्त हमीरपुर को अध्यक्ष व सब डिवीज़न अफसर को कमरा देने के लिये कहा गया। पर अध्य्क्ष ने मंदिर अधिकारी के साथ मिलकर सराय नं 9 की A ब्लॉक मे धरातल मंजिल मे कमरा देने मे साफ इंकार कर दिया पत्र जारी कर लिख कर साथ मे जंगल मे रहने के लिये एक दिन का कमरा अलॉट कर दिया जिस मे अध्यक्ष ने आपने उच्च अधिकारी के आदेशों के नजर अंदाज़ कर दिया। जिस वारे मे लिखा गया सराय न 9 की धरातल पर कोई नहीं वोह दोनों दिन दोनों रूम खाली रहे। इस श्रदालू से इस लिये ऐसा किया गया क्यूंकि इसी श्रदालु ने इन की समय अवधि मे शारबी कर्मचारी पकड़ कर दिया था उस पर कोई कारवाई न होने पर इस मंदिर अधिकारी की शिकयत उच्च अधिकारी को कर दी हुए है। जिस से मंदिर अधिकारी उस से खफा है।पर हर वार नई गलती कर रहा अधिकारी पर कारवाई नहीं हो रही जिस का सूत्रों से पता चला है कि हिमाचल के मुख्यमन्त्री के साथ इस का सखा रिश्तेदार पर्सनल सेक्रेटरी लगा हुआ है सोचने की बात है कि अगर ऐसी बात है तो क्या मंदिर अधिकारी को गलत काम करने की अनुमति मिल चुकी है क्या

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