सरकार पेंशनरों से कर रही सौतेला व्यवहार अगर सरकार द्वारा नही अदा किए गए बकाया एरियर, भत्ते, तो पूरे प्रदेश के पेंशनर एकत्रित होकर शिमला में करेंगे प्रदर्शन : नरेश घई
नालागढ़ के पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि संगठन के अध्यक्ष नरेश गई की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई. बैठक में वरिष्ठ नागरिकों को आ रही समस्या पर विस्तार से जहां चर्चा की गई। वहीं बैठक में प्रस्ताव फोर्थ के 2016 जनवरी से पहले और 2016 के बाद सेवा निर्मित हुए कर्मचारियों की छठे वेतन आयोग के मुताबिक बकाया पड़े भत्ते, एरियर की एक अदायगी की मांग करते हुए पेंशनर्स में इस बात को लेकर रोष प्रकट किया गया कि वर्तमान सरकार को आए हुए दो वर्ष से ज्यादा हो चुका हैं परंतु अभी तक 2016 के बकाया मिलने वाले एरियर पेंशनरों को अदा न किए गए हैं यदि पेंशनरों के बकाया एरिया जल्द अदा न किए गए तो आने वाले दिनों में पेंशनरों को अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार एवं संबंधित विभाग की होगी।
इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए पेंशनर एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ के अध्यक्ष नरेश गई ने बताया कि सरकार को बने हुए 2 साल से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अभी भी पेंशनरों की समस्याओं की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।उन्होंने कहा कि 2016 से लेकर अब तक पेंशनरों के एरिया मेडिकल बिल अभी तक सरकार द्वारा अदा नहीं किया गए है जिसके चलते पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उनका कहना है कि नालागढ़ अस्पताल में भी डॉक्टर व स्टाफ की कमी के चलते बुजुर्गों और पेंशनरों को इलाज के लिए बाहरी राज्यों एवं निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है जिसके चलते उन्हें महंगे दामों पर इलाज करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि नालागढ़ में ट्रामा सेंटर तो खोल दिया गया है और उसका उद्घाटन भी कर दिया गया है लेकिन अभी तक वहां पर सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह बद्दी – नालागढ़ फोरलेन का निर्माण कार्य भी कछुआ चाल से चल रहा है इसके चलते आए दिन यहां पर सड़क हादसे हो रहे हैं और लोगों को जाम की स्थिति से हर दिन दो-चार होना पड़ रहा है उन्होंने सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही उनके पेंडिंग बिलों को अदा नहीं किया गया तो वह आने वाले दिनों में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।