बार-बार मांग रहे एसीआर, प्रमोशन कब होगी सरकार

हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में विभिन्न वर्गों की पदोन्नतियाँ एसीआर के फेर में लटक जाती हैं । शिक्षा विभाग बार-बार एसीआर मांगता है और प्रमोशन में विलंब होता है । जब एक सत्र में प्रमोशन नहीं हो पाती तो दूसरे सत्र में फिर से एसीआर मांग ली जाती है । प्रदेश में हेडमास्टर , प्रिंसिपल, प्रवक्ता स्कूल न्यू पदोन्नति हेतु फिर से एसी आर मांगी जा रही है । यह मामला टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने मुख्य सचिव व शिक्षा निदेशक से उठाकर ऑनलाईन एसीआर व्यवस्था मानव संपदा पोर्टल से जोड़ने और समस्त पदोन्नतियाँ शीघ्र करने की मांग उठाई जिसके ऊपर कार्यवाही हुई है और शिक्षा विभाग ने फ्रेश एसीआर मांग ली है । हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , शेर सिंह ,पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने कहा कि अनेक टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति हेतु 2 साल से एसीआर मांगी जा रही है और जिनकी एसीआर जमा है , उनकी पदोन्नति नहीं हुई । शिक्षा विभाग बार-बार एसीआर मांगता रहता है और प्रमोशन में विलंब होता है तथा प्रमोशन पैनल में नए नाम जुड़ जाते हैं । नाम जुडने के कारण प्रमोशन पैनल से कई शिक्षक बाहर हो जाते हैं और नोशनल वरिष्ठता वाले नाम जुडने पर 3 से 5 साल का विलंब पदोन्नति में हो रहा है । जिन शिक्षकों ने मनचाहा स्टेशन न मिलने पर पदोन्नति नहीं ली , उनसे नियमानुसार फोर्गो ली जाए और डीपीसी के प्रतीक्षा पैनल में से क्रमानुसार अनुपूरक पदोन्नति सूचियाँ जारी करें । ऐसा हर विभाग में होता है मगर शिक्षा विभाग बार-बार एसीआर मांगकर पदोन्नतियाँ समय पर नहीं कर पाता जिससे सरकार की छवि धूमिल हो जाती है । संघ ने हैरानी जताई कि कई प्रमोट हो चुके अधिकारियों से भी एसीआर मांगी जा रही है । ऐसे में टीजीटी से हेडमास्टर व प्रवक्ता स्कूल न्यू , पीईटी से डीपीई , जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति सूचियाँ शीघ्र जारी करना आपेक्षित है ।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठता संबंधी नए निर्णय का स्वागत

सुप्रीम कोर्ट ने ताज़ा फैसले में तदर्थ कर्मचारियों को स्थायी करने पर तदर्थ सेवा को वरिष्ठता हेतु नहीं गिने जाने का फैसला सुनाया है । अदालत ने वर्ष 2015 के ऐसे अपने पूर फैसले को त्रुटिपूर्ण बताते हुए निरस्त कर दिया है । इस निर्णय का स्वागत करते हुए टीजीटी कला संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंटर सी सीनियोरिटी के जो निर्णय दिए हैं , उनके अनुसरण होना चाहिए ।डा

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