1. अध्यापकों ने कोरोना काल मे मजे किए कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह thakur के बयान पर बवाल
    संपादकीय सतीश शर्मा की कलम से

    हिमाचल प्रदेश के इतिहास में 2021 का साल हमेशा याद रहेगा इसमें घटी कई घटनाएं इंगित करती हैं कि हिमाचल प्रदेश को किसी की नजर लग गई है। हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं तथा भाषण में कहते हैं कि कोरोना काल में जशक्ति विभाग तथा लोक निर्माण विभाग ने काफी कार्य किए परंतु अध्यापकों ने मजे किए। स्कूल बंद होने के बाद अध्यापकों को स्कूल जाने के लिए सरकार ने आदेश पारित नहीं किए। लेकिन जब जब अध्यापकों को ड्यूटी के लिए कहा गया अध्यापकों ने कोरोना काल में ड्यूटी का निर्वाहन किया। लेकिन सार्वजनिक कार्यक्रम में मंत्री द्वारा इस प्रकार का बयान दिए जाने पर अध्यापक यूनियन भड़क गई है। अध्यापक संगठनों के अलावा विपक्ष के पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के बेटे vikramditya सिंह ने मंत्री के इस बयान का कड़ा संज्ञान लिया है उन्होंने इस प्रकार का बयान दिए जाने का कड़ा विरोध किया है। कैबिनेट मंत्री द्वारा इस प्रकार का बयान प्रदेश के लाख और लोगों को अखर रहा है। अध्यापक अपनी मर्जी से घरों में नहीं बैठे थे । अध्यापकों ने ऑनलाइन बच्चों की पढ़ाई करवाई। कई जगह उनकी ड्यूटी लगाई गई तो अध्यापक वहां पहुंचे लेकिन वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री इस प्रकार अध्यापकों का अगर मजाक उड़ाता है तो बवाल होना लाजिम है। विभिन्न चैनलों पर भी इसकी बहस जारी है। हजारों की संख्या में अध्यापकों को हम व्यक्तिगत तौर पर जानते है सैकड़ों अध्यापक जो प्रधानाचार्य प्रवक्ता पीजीटी कॉलेज प्रवक्ता विभिन्न पदों पर अध्यापक हमारे व्यक्तिगत मित्र है। अधिकतर अध्यापक ईमानदार है तथा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं। कई अध्यापकों को तो राष्ट्रपति अवार्ड तक मिले हैं हो सकता है कैबिनेट मंत्री में जिसका जिक्र किया ऐसे कोई अध्यापक हो लेकिन हर अध्यापक मजा करने वाला नहीं है शिक्षा की गुणवत्ता तथा अपनी ड्यूटी को बेहतर समझने वाले हजारों की संख्या में अध्यापक है सभी लोगों को एक ही पैमाने पर तुलना करना सही नहीं है। इस मामले को तूल देना हमारा मकसद नहीं है लेकिन हम चाहते हैं कि अध्यापकों का मान सम्मान हमेशा किया जाना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने किस स्तर पर यह मजा लेने की बात कही है इसका स्पष्टीकरण तो कैबिनेट मंत्री दे सकते हैं। अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं अध्यापक वर्ग से इस प्रकार टिप्पणी कर बयानबाजी करना कितना महंगा पड़ेगा यह तो वक्त ही बताएगा। हर वर्ग की अपनी गरिमा होती है उसे

  2. बनाना हम सब का फर्ज बनताहै।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here