क्या रानी प्रतिभा सिंह नया पावर सेंटर बनने वाली हैं ?
क्या रानी साहिबा हॉली लॉज को फिर से पावर सेंटर बना पाएंगी ?
उपचुनाव जीतने के बाद क्या रानी साहिबा का नाम भी सम्भावित मुख्यमंत्रियों की सूची में जुड़ जाएगा ?
क्या उनकी जीत से वर्तमान मुख्यमंत्री की कुर्सी संकट में आ जायेगी ?

शिमला। सौजन्य।
इन सवालों के जबाब मंडी से रानी साहिबा के जीतने के बाद ही मिल पाएंगे।कांग्रेस आलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री के करिश्मे ओर हॉली लॉज की ताकत से भली भांति परिचित है तभी मंडी से रानी साहिबा का टिकट फाइनल हुआ।लोग रानी साहिब के माध्यम से राजा साहब को वोट करेंगे।चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा भी रह सकते हैं।क्योंकि भाजपा के साथ इस बार न तो गुड़िया है और न ही मोदी जी का करिश्मा।यह चुनाव उस मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़े जाएंगे जिन्होंने विकास के नाम पर सिर्फ नाटी ही डाली है।लाखों बेरोजगार , पूर्व ओर वर्तमान कर्मचारी ओर करोना की मार झेल चुके सैकड़ों परिवार सरकार से हिसाब चुकता करने की फ़िराक़ में हैं ओर इस मौके का यह लोग भरपूर फायदा उठाते हुए सरकार के कान मरोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे।अगर रानी साहिब मंडी से जीत गई तो सारे राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र का करिश्मा रानी की जीत में अहम भूमिका निभाएगा।राजा साहब के जाने के बाद राजा साहब के अनुभवी चुनावी मैनेजर सहानुभूति लहर का पूरा फायदा रानी प्रतिभा सिंह को दिलवाने के लिए जी जान से जुट जाएंगे।यह लोग वही हैं जिन्होंने एक आध बार चुनावों में मार खाई है और जीत हमेशा दिलवाई है। इस बार भले ही राजा साहब प्रत्यक्ष रूप में मैदान में नहीं होंगे पर उनके प्रति सहानुभूति रखने वाले लोग खुद ब खुद रानी को जीत दिलवाने के लिए मैदान में उतर आएंगे ओर इस तरह राजा साहब अप्रत्यक्ष रूप में मैदान में होंगे।राजा साहब के जाने के बाद टिक्का Vikramaditya Singh पूरी फॉर्म में हैं और राजा साहब की विरासत को संभालने में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं।प्रदेश की जनता ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया है।राजा साहब वाला करिश्मा टिक्का साहब में दिखने लगा है।पिछले दिनों उनका सफल मंडी दौरा इसका सबूत है।उन्हें देखने और सुनने के लिए लोगों का हजूम उसी तरह उमड़ रहा था जैसे राजा साहब के लिए उमड़ता था।मुख्यमंत्री टिक्का साहब के बढ़ते कद से भली भांति परिचित हैं तभी पहली बार विधायक बने टिक्का साहब द्वारा उठाये गए सवालों का जबाब वह अपनी टीम से न दिलवाकर खुद देते हैं।मंडी मुख्यमंत्री साहब का गढ़ है।पिछली बार मंडी जिला की एक को छोड़कर सारी विधानसभा सीट भाजपा जीती थी।लोकसभा में भी यही परिणाम भाजपा ने दोहराए थे।ऐसे में रानी की जीत कांग्रेस के लिए संजीवनी ओर मुख्यमंत्री साहब की कुर्सी के लिए खतरा बन जाएगी।हॉली लॉज की मान मर्यादा पुनर्जीवित हो जाएगी और रानी साहिबा, जो राजनीति में काफी सीनियर हैं, उन्हें पार्टी आलाकमान 2022 का चेहरा घोषित कर सकती है।राजा साहब द्वारा साठ सालों में कमाई गई राजनीतिक विरासत उनके जाते खत्म हो गई है ऐसा सोचने वाले मुंगेरी लाल हो सकते हैं पर राजनीतिक विश्लेषक जानते हैं कि राजा साहब की परछाई एक बार जरूर जीत जरूर दिलाएगी।शिमला सोलन सिरमौर लाहौल स्पीति ओर किन्नौर राजा साहब के साथ ही हमेशा चले हैं।मंडी की जीत हॉली लॉज की ताकत का अहसास सबको करवा देगी।कोई माने चाहे न माने साठ सालों से हॉली लॉज ही सत्ता का केंद्र रहा है और आगे भी बना रहेगा।यह बात आप लोग नोट कर लें।

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