संगठनों में चापलूस चाटुकार ठेकेदार माफिया से जुड़े लोग बनते हैं हार का कारण
shimla। हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब के विधानसभा चुनावों में जो माहौल बना है उसमें हर विधानसभा क्षेत्र में के प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश मे इस साल विधानसभा के चुनाव होंगे। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी के अलावा आम आदमी पार्टी बहुजन समाज पार्टी पूर्व सांसद राजन सुशांत सहित कई मोर्चे भी चुनाव मैदान में अपना भाग्य अजमा कर विधानसभा में पहुंचने का प्रयास करेंगे। स्वर्ण समाज हिमाचल प्रदेश में चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। विभिन्न संगठनों में जब ठेकेदार चापलूस चाटुकार जुड़ जाते हैं तो उनका टारगेट संगठन के कार्य करवाने की जगह अपने कार्य निकलवाना होता है। ठेकेदारों का कार्य ठेकेदारी चमकाना होता है। ठेकेदारों की कार्य तो निकल जाते हैं परंतु नेता चुनाव हार जाते हैं ठेकेदारों को जनता की विधि कोई से कोई लेना देना नहीं होता विभिन्न राजनीतिक दलों के संगठनों में देखा जाए तो संगठन में ठेकेदार सक्रिय हैं। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी सहित अन्य दलों में भी ठेकेदार लावी बढ़-चढ़कर संगठन में पद हासिल करती है फिर उसका लाभ लेकर सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों पर दबाव बनाकर जमकर ठेकेदारी करते हैं। पंचायती राज संस्थाओं में टिकट लेकर चुनाव लड़ कर ठेकेदारी का कार्य करते हैं। इससे आम आदमी दूर होता चला जाता है तथा नेता हार के गर्त में डूब जाता है। ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने चापलूस चाटुकार ठेकेदार संगठनों में शामिल करवाएं उसके बाद नेता राजनीति से बाहर हो गए। संगठन में समाज सेवा से जुड़े लोगों को आगे लाना चाहिए।