म्हारा हिमाचल
ओम मणिमहेश लंगर कमेटी मैहरे बड़सर
2009 में शुरू हुआ सफर
15 सालो से सेवा का सफ़र निरंतर जारी
लंगर सेवा पर एक करोड़ से अधिक संस्था कर चुकी खर्च
चिड़िया चोंच भर ले गई नदी न घटियो नीर कहावत को चरितार्थ कर रही मैहरे की संस्था
हमीरपुर/बड़सर। सतीश शर्मा विट्टू।
राज कुमार विज ने अपने पिता लाला मेहर चंद की प्रेरणा से शुरू किया था सफर। पिछले 15 सालों से लगा रहे लंगर जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक चलता है लंगर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के बडसर के युवाओं ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। दुर्गा स्वीट शॉप के प्रबंधक राजकुमार बीच समाज सेवा के कार्य में हमेशा आगे रहते हैं ओम मणि महेश लंगर कमेटी के संस्थापक सदस्यों में शामिल हैं। उन्होंने अपने साथ 9 लोगों को जोड़कर इस लंगर की शुरुआत की थी जो निरंतर जारी है। आज करीब 35 इसके स्थाई सदस्य हैं इसके अलावा अस्थाई सदस्यों का योगदान भी महत्वपूर्ण रहता है। संस्था के अध्यक्ष रजनीश है तथा कोषाध्यक्ष राजेश शर्मा। मणिमहेश यात्रियों के लिए लंगर लगाने के अलावा बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के चैत्र मास मेलों के दौरान भी बरोली में खीर का भंडारा लगाया जाता है। पिछले कई सालों से वह भंडारा लगाया जा रहा है।
2023 में कावड़ यात्रा के स्वागत के लिए भी कार्यक्रम का आयोजन संस्था द्वारा किया गया। जिसमें राधा कृष्ण मंदिर में भव्य भंडारा भी आयोजित किया गया। समाज सेवा के कार्यों में भी संस्था महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में इस साल ₹11000 की राशि संस्था द्वारा एसडीएम बडसर के माध्यम से भेजी गई। जरूरतमंदों की सहायता के लिए भी संस्था द्वारा कार्य किया जाता है। मणिमहेश में लगाए जाने वाले लंगर पर हर साल 10 लाख के करीब खर्च किया जाता है। हिमाचल प्रदेश की ऐसी संस्था है जो लंगर लगाने पर ही करोड रुपए से अधिक का खर्च आज तक कर चुकी है। संस्था के संस्थापक राजकुमार विज ने बताया कि संस्था के विकास में कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लगातार 15 सालों से सेवा का कार्य निस्वार्थ भाव से जारी है। शानदार कार्य के लिए संस्था के सदस्यों को कोटि-कोटि बधाई।