टॉप न्यूज़ हिमाचल ने उठाया था सीनियर सेकेंडरी स्कूल तलाई का खेल समान में हेराफेरी का मामला
व्यवस्था बदली सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार आने के बाद शिक्षा सचिव के ध्यान में लाया मामला तो 1 साल के बाद छीनी पावर
शाहतलाई। देर आए दुरुस्त आए हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन शुरू हो गया है मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले दिन से ही कह रहे हैं कि हम सत्ता सुख भोगने नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आए हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूल शहतलाई का मामला उस समय सुर्खियों में आया जब इस मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे थे टॉप न्यूज़ हिमाचल ने स्कूल में पहुंचकर विजिलेंस जांच का जब खुलासा किया तो मीडिया भी हरकत में आया। बाद में उस मामले में इंक्वायरी की गई। कायदे से जिस अधिकारी पर आरोप लगे थे 1 साल तक उसी अधिकारी के पास डीडीओ पावर रही। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बनने के बाद विभाग हरकत में आया तथा 100 दिन के बाद इस मामले में कार्रवाई की गई। अभी भी या समझ से परे है कि जिस अधिकारी पर आरोप लगे थे वह उसी स्कूल में क्यों तैनात है। ऐसे अधिकारियों के तार कितने लंबे हैं कि उन्हें कौन ताकते शक्ति देती हैं कि वह अपने पदों पर ऐसे मामले उजागर होने के बाद भी डटे रहे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कि सरकार के अधिकारी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने इस प्रधानाचार्य की डीडीओ पावर पर रोक लगाई है। स्थानीय स्कूल के समीप के स्कूल के प्रधानाचार्य को डीडीओ पावर दी गई है। कायदे से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई लगाकर उदाहरण पेश किया जाना चाहिए ताकि आने वाले समय में कोई इस प्रकार की विभागीय कोताही करने की हिम्मत ना करें। ऐसे मामले सिर्फ बिलासपुर जिला में ही उजागर नहीं हुए हैं। हमीरपुर जिला के महारल स्कूल का भी ऐसा ही मामला टॉप न्यूज़ हिमाचल में प्रमुखता के साथ उठाया था उस मामले में भी विभाग ने बड़ी कार्रवाई अमल में लाई थी हमारा मकसद खबरों के माध्यम से कभी सनसनी फैलाना नहीं रहा है इन स्कूलों में जो खबरें हमने प्रमुखता के साथ उठाई है पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बनी है। हम चाहते हैं पूरे प्रदेश में व्यवस्था बदलनी चाहिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से निवेदन है कि दूध का दूध तथा पानी का पानी होना चाहिए। ऐसे अधिकारियों को टर्मिनेट कर उनकी भरपाई करवाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में अन्य घोटाला करने वालों को भी सबक मिल सके। ऐसे अधिकारियों को तत्काल उन स्कूलों से हटाया जाना चाहिए जिन स्कूलों में इस प्रकार के घोटाले सामने आते हैं। विभाग द्वारा एफ आई आर दर्ज करवा कर जो भी सजा बनती हो दी जानी चाहिए हमने मुद्दा प्रमुखता से उठाया। इस मामले में जो भी हमारे सहयोगी रहे हैं जिन्होंने इस मामले को उठाने में हमारी सहायता की है दिल की गहराइयों से उनका आभार तथा उन पाठकों का भी आभार जो टॉप न्यूज़ की ताकत है। शिक्षा विभाग बधाई का पात्र है कि 1 साल के बाद ही सही डीडीओ पावर स्नैच की है।

ऐसे अधिकारियों को कौन शरण देता है जब इस अधिकारी का हेड क्वार्टर शिमला में शिफ्ट किया गया था तो आज तक कौन लोग संरक्षण देकर ऐसे अधिकारियों को सेव करते हैं। या प्रश्न भी लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। तत्काल ऐसे अधिकारियों को उस जगह से क्यों नहीं हटाया जाता जिस जगह उन्होंने हेरा फेरी की होती है। प्रधानाचार्य अगर दोषी नहीं है तो क्यों मामला अधर में लटका है। देरी से मिले न्याय को न्याय नहीं कहा जाता। सच जनता के बीच जाना चाहिए। दूध का दूध तथा पानी का पानी होना चाहिए। खबर का कदापि मकसद सनसनी फैलाना नहीं है हकीकत में ऐसे और भी कई मामले होंगे जिन पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को व्यवस्था परिवर्तन के लिए बड़े निर्णय लेने होंगे।

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