संपादकीय
हमीरपुर में कांग्रेस की नाव में छेद कौन दोषी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व सुनील शर्मा विट्टू एकजुट करने में क्यों नहीं हो रहे सफल। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिला का सौभाग्य है कि हमीरपुर को मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस पार्टी की सरकार में भी मिला है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बने तो उन्होंने गद्दी पर बैठने से पहले सुनील शर्मा विट्टू को कैबिनेट मंत्री बनाकर तोहफा दिया। वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार हैं लेकिन हमीरपुर जिला मुख्यालय में जो पिछले कल हुआ वह कार्यकर्ताओं का गुस्सा है विधानसभा चुनावों में काली भेड़ों को लेकर तथा कार्यकर्ताओं की अनदेखी का भी। सरकार बन गई मुख्यमंत्री मिल गया। सुनील बिट्टू राजनीतिक सलाहकार बन गए लेकिन कांग्रेस से जुड़े हुए लोग जिस प्रकार से उनकी अनदेखी हुई ट्रांसफर में कांग्रेस के परिवारों को ही प्रताड़ित होना पड़ा इसके कारण लोगों में गुस्सा है। हर विधानसभा क्षेत्र में जीतने वाले जीत का श्रेय अपने आप लेते हैं लेकिन हारने वाले इसका ठीकरा विरोधियों के सिर भी फोड़ते हैं। हमीरपुर में कांग्रेस की हार के लिए मुख्यमंत्री के साथ सुनील शर्मा बिट्टू को भी टारगेट किया गया की हार के लिए उनका भी योगदान रहा। लेकिन हार हार ही होती है। डॉ पुष्पेंद्र वर्मा दिन रात सुख दुख में लोगों के बीच रहते हैं। हार के बाद में घर नहीं बैठे। उनका लोगों से मिलना उनकी सादगी का ही परिणाम है। वह आम जनमानस के सुख-दुख में शामिल होते हैं। हमीरपुर में कार्यकर्ताओं में गुस्सा था निकल कर बाहर आ गया। टॉप न्यूज की खोज खबर में जब हमने हमीरपुर जिला की राजनीति पर कांग्रेस पार्टी के पुराने लोगों की ही राय जानी चाहिए तो कांग्रेस पार्टी में बहुत से लोग जो मुख्यमंत्री के समर्थक भी हैं वह भी दुखी हैं कार्य प्रणाली को लेकर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू वफादारी के लिए जाने जाते हैं तथा वफादारी का ही इनाम उन्हें सलाहकार बनाकर मुख्यमंत्री ने दिया है परंतु जिला में कांग्रेस की जो स्थिति है उस पर भी मंथन सुनील शर्मा तथा मुख्यमंत्री को करना होगा। बड़सर में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए एक ऐसे नेता की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चल सके पिछली हार से भी कांग्रेस पार्टी ने सबक नहीं लिया है। कांग्रेस पार्टी में एकजुट के लिए कार्यकर्ताओं की एक जुट होनी चाहिए न की ठेकेदारों की। कांग्रेस में लड़ाई लोगों के कार्यों के लिए नहीं बल्कि ठेकेदारों को एडजस्ट करने के लिए होती है जो कि सरासर गलत है आम व्यक्ति को कांग्रेस से जोड़ने के लिए प्रयास होने चाहिए ठेकेदार तो अपनी ठेकेदारी करते हैं उन्हें भाजपा तथा कांग्रेस से कोई ज्यादा अंतर नहीं पड़ता। कांग्रेस की सरकार आती है तो अधिकतर ठेके कांग्रेस विचारधारा के लोगों को मिल जाते हैं। भाजपा की सरकार में भाजपा के चमचों को। लेकिन आम आदमी को क्या मिलता है। चापलूस तथा चाटुकार अपनी एडजस्टमेंट के चक्कर में सरकारों को भी बदनाम करते हैं। हमीरपुर के विकास की बात करें तो डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने सत्य ही कहा है कि जो कार्य पिछले 20 साल में हमीरपुर में कोई नहीं कर पाया वह कार्य मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने करवाए हैं लेकिन उसके बावजूद भी जो कल झगड़ा हमीरपुर में कांग्रेस के नेताओं के बीच हुआ चिंता का विषय है। लावा कभी भी फूट सकता है। हमीरपुर का बस अड्डा हमीरपुर जिला के लिए ऐसा उदाहरण है इस प्रकार का बस अड्डा पूरे प्रदेश में कहीं नहीं बना है प्रदेश का पहला है लेकिन इस बात को लोगों को बताने की जगह काली भेड़ों को लेकर झगड़ा हो रहा है। बड़सर में 400 करोड रुपए के विकास कार्य मुख्यमंत्री के तीन बरस से भी कम कार्यकाल में करवाए गए हैं लेकिन डायरेक्टर राजेश बन्याल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर तथा इंद्रदत्त लखनपाल विधायक बड़सर को आड़े हाथों लिया है तथा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के विकास के कार्यों को जनता के बीच गिनाया है सराहनीय कदम है। भोरंज में विधायक सुरेश कुमार जिस प्रकार से मुख्यमंत्री से कार्य करवा रहे हैं इसकी जितनी सराहना की जाए कम है लेकिन सुरेश के विरोधी भी उन्हें नीचा दिखाने से कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। सुजानपुर में भी कैप्टन राजेंद्र मुख्यमंत्री को मजबूत करने का कार्य कर ही रहे हैं परंतु उनकी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा अनुराग के साथ नजदीकी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को रास नहीं आती है। नादौन में कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह इस विधानसभा क्षेत्र के लिए कई प्रोजेक्ट लेकर आए हैं जिनका लोगों को लाभ मिल रहा है। बस अड्डा साथ नादौन में बन रहा इनडोर स्टेडियम प्रदेश के लिए उदाहरण है। हमीरपुर जिला में करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट चले हुए हैं जो पूरा होने के कगार पर हैं। परंतु कांग्रेस पार्टी के ही कुछ लोग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह, सुनील शर्मा बिट्टू तथा मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को घेरने की कोई कसर नहीं छोड़ते। मुख्यमंत्री का निजी मीडिया देखने वाले मुख्यमंत्री की योजनाओं को जनता के बीच ले जाने के लिए पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। मुख्यमंत्री बड़सर के दौरे पर भी आ रहे हैं 7 अक्टूबर को इस को लेकर भी तैयारी शुरू होने वाली है। अधिकतर कांग्रेस के नेताओं को अभी तक मुख्यमंत्री के दौरे की खबर तक नहीं मिली है। हिमाचल प्रदेश में टॉप न्यूज में सबसे पहले मुख्यमंत्री के अक्टूबर में दौरे की खबर को प्रकाशित किया है। जब एक मीडिया हाउस को जानकारी मिल सकती है मुख्यमंत्री के दौरे की तो कांग्रेस के नेताओं को पकड़ बनानी होगी तथा कांग्रेस को मजबूत करने के लिए प्रयास करने होंगे। राजा वीरभद्र सिंह ने इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत किया है अधिकतर ऑफिस बड़सर में राजा वीरभद्र की देन है जिन्हें बड़सर में खुलवाने का श्रेय पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा को जाता है। कांग्रेस पार्टी के हमीरपुर जिला के कार्यकर्ता मनमुटाव को भूलाकर एक जुट होकर प्रयास करें तो भारतीय जनता पार्टी को इस जिला में टक्कर दी जा सकती है। भाजपा का कुनबा इस जिला में कांग्रेस के संक्रमण से पीड़ित है। बड़सर, हमीरपुर व सुजानपुर में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस का ग्रहण लगा है कांग्रेस पार्टी के नेता इन तीन विधानसभा के क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को रास नहीं आ रहे है। लेकिन राष्ट्रीय हाई कमान के आगे कोई भी बोलने की स्थिति में नहीं है। हमीरपुर जिला में चाहे कांग्रेस हो अथवा भाजपा दोनों ही दलों में संक्रमण का दौर है। शीर्ष नेताओं को अपने दलों को इस स्थिति से निकलने के लिए प्रयास तो करने ही होंगे।
मुख्य संपादक टॉप न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म
सतीश शर्मा विट्टू