हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का आज जन्मदिन है उनके जन्मदिन पर टॉप न्यूज़ की ओर से उनको बहुत-बहुत बधाई 10 अप्रैल 1944 को प्रेम कुमार धूमल का जन्म हुआ। शिक्षा विभाग में पंजाब के दोआबा कॉलेज में कार्यरत रहे। प्रोफेसर के नाम से जाने वाले प्रेम कुमार धूमल में राजनीति में अपनी शुरुआत कि पंजाब से वह हिमाचल लौटे तथा संसद तक पहुंचे 1998 का चुनाव ऐतिहासिक चुनाव था जब भाजपा में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार थे लेकिन हमीरपुर जिला में 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की तथा हिमाचल विकास कांग्रेश पार्टी ने कांग्रेस पार्टी का गणित बिगाड़ दिया। आजाद जीते रमेश धवाला तथा हिमाचल विकास कांग्रेश के पंडित सुखराम महेंद्र सिंह तथा दो अन्य विधायकों का समर्थन मिलने के बाद राजा वीरभद्र सिंह को हटाकर उन्होंने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। विधानसभा चुनावों के दौरान जब 1998 में चुनाव हो रहे थे कांग्रेस पार्टी के लोग भाजपा को बिना दूल्हे की बारात बता रही थी हर दिन कांग्रेसी नेता भाजपा से सवाल करते थे कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। उस समय प्रिंट मीडिया में अजीत समाचार के अजीत समाचार पत्र में हम पत्रकार थे। बणी में प्रेम कुमार धूमल को लड्डूओं से तोला हमने एक खबर लिखी जिसका टाइटल था भाजपा की सरकार बनने पर भाजपा के पास बड़ा चेहरा है प्रेम कुमार धूमल जो प्रोफेसर रह चुके हैं हिमाचल प्रदेश से लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं वहीं मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। चुनावों के परिणाम निकले प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने हमारी खबर पर सत्य ही मोहर लगी। आज उनके बेटे भी केंद्र में सूचना प्रसारण मंत्री तथा खेल विभाग के केंद्रीय मंत्री हैं।
इस मौके पर जब 1998 में प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने थे वह काली रात जब निचले हिमाचल प्रदेश शिमला पहुंचे लोगों की पिटाई की गई गाड़ियां तोड़ी गई। गुंडागर्दी का नंगा नाच नाच हुआ उस दौरान भाजपा की जीत की खुशी में हम भी shimla पहुंचे थे पहली बार लग रहा था कि हमीरपुर जिला से प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री के पद पर सुशोभित होंगे परंतु जिस प्रकार गुंडागर्दी इस मौके पर हुई वह दिन आज भी भुलाया नहीं जा सकता। हम भोरंज विधानसभा क्षेत्र से जीते विधायक ईश्वर दास धीमान के साथ मंडी जिला के रूप सिंह के कमरे में बैठे थे। उस दिन बहन तांडव शुरू हो गया कमरे में बैठे लोगों को गिन गिन कर बाहर निकालना शुरू कर दिया गया बाहर नारेबाजी हो रही थी। बाहर निकलने की हिम्मत लोगों में नहीं थी लग रहा था कि हमला होगा बड़ी मुश्किल से वहां से निकलकर जान बचाकर हम अपने दोस्तों के साथ जिनमें डॉ तरसेम ramesh sharma, सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे। इस चुनाव में नादौनता विधानसभा क्षेत्र से baldev sharma पहली बार विधायक बने थे।
पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी जो हिमाचल प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल ने 1998 से लेकर 2003 तक चलाई। उसके उपरांत दूसरी बार को नहीं सरकार 2012 तक रही। 2012 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई
। 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रेम कुमार धूमल का विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर कर दिया गया। इस सीट पर प्रेम कुमार धूमल 1919 वोटों से चुनाव हार गए। इस चुनाव में हार के बाद भाजपा के ही कई नेता जिनमें vrinder कंवर प्रमुख थे जिन्होंने कहा कि मैं प्रेम कुमार धूमल के लिए अपनी सीट छोड़ दूंगा उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए लॉबिंग शुरू हुई परंतु उनके धुर विरोधी किसी भी हालत में उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर नहीं देखना चाहते थे जय राम जी का नाम आगे किया गया। प्रेम कुमार धूमल के समर्थक आज भी उन्हें चुनाव मैदान में उतार कर 2022 में विधानसभा में पहुंचाना चाहते हैं।लेकिन प्रेम कुमार धूमल का कहना है कि मैं हमेशा पार्टी के लिए कार्यकर्ता रहे हैं उन्हें party जो भी कार्य देगी उसे वह बखूबी निभाएंगे। वर्तमान में उनके बेटे अनुराग ठाकुर केंद्र में महत्वपूर्ण विभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा खेल विभाग के कैबिनेट मंत्री है। कांग्रेस पार्टी का खौफ कम करने में प्रकाश प्रेम कुमार धूमल सराहनीय कार्य किए हैं हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में उनके चाहने वाले हैं हिमाचल प्रदेश का शायद कोई ऐसा काम होगा जिसमें उनके चाहने वाले नहीं है पूरे प्रदेश वासियों एवं शुभचिंतकों की ओर से प्रेम कुमार धूमल को टॉप news की तरफ से कोटि-कोटि बधाई भगवान उन्हें दीर्घायु प्रदान करें।