10 नवम्बर 2021
14 नवम्बर को मेरी आत्मकथा ”निज पथ का अविचल पंथी“ का अंग्रेज़ी अनुवाद ‘ Living My Convictions’ का विमोचन हो रहा है। मेरे मित्र और परिवार उसकी तैयारी कर रहे हैं। मेरे लिए यह केवल आत्मकथा का विमोचन ही नही है अपितु धर्मपत्नी संतोष के प्रति एक श्रद्धांजली का कार्यक्रम भी है। इतना ही नही हम दोंनो के साहित्य जीवन का यह अन्तिम कार्यक्रम है।
संतोष की प्रबल इच्छा थी आत्मकथा अंग्रेजी में छपे – उसने दुबई में बड़ी बेटी इन्दु को कहा – मुझे पूरा भरोसा नही था। परिवार के आग्रह पर इन्दु ने कुछ अध्याय अनुवाद करके भेजें। सबने देखें – बहुत बढ़िया लगा – इन्दु अनुवाद करने में लग गई।
अनुवाद के 40 पृष्ठ ही पूरे हुए थे कि पूरा परिवार संक्रमित हुआ और संतोष पांच दिन के बाद ही यह दुनिया छोड़ कर चली कई। हम सब संक्रमित थे। संतोष चली गई। घर को ताला लग गया और हम सब चण्ड़ीगढ़ हस्पताल पहुंच गये – वे कुछ दिन बहुत अधिक परेशानी में बीते।
स्थिति कुछ सामान्य हुई। संतोष की इच्छा की याद आई – सबको लगा आत्मकथा अंग्रेजी में प्रकाशित करना संतोष की अन्तिम इच्छा थी। इन्दु को आग्रह किया – बहुत कठिन था इन्दु बेटी के लिए परन्तु उसने हिम्मत की और अनुवाद प्रारम्भ किया। केनेडा में रहने वाली छोटी बेटी शालिनी ने पुस्तक के आवरण का डिजाईन बनाया। पूरे परिवार ने इन्दु का मनोबल बढ़ाया और 14 नवम्बर को पुस्तक का विमोचन हो रहा है।
परिवार ने संतोष की अन्तिम इच्छा को पूरा किया – इसलिए हमारे लिए यह संतोष के प्रति एक श्रद्धांजली भी है।
मैंने पूरा जीवन जिया। जी भर जिया – सब कुछ दिया प्रभु ने – समाज ने-
60 वर्ष की सक्रिय राजनीति से अब मैं निवृत हूं – अब स्वामी विवेकानन्द जी के चरणों में सेवा का काम करूंगा। विवेकानन्द हस्पताल में हृदय रोग का उपचार अति शीघ्र प्रारम्भ होगा। उसके बाद सौरभ कालिया नर्सिंग कालेज प्रारम्भ करने की तैयारी भी हो रही है। कायाकल्प सफलता से समाज की सेवा कर रहा है। वरिष्ठ नागरिक सदन ( विश्रान्ति ) का अधूरा काम फिर से प्रारम्भ हो गया है।
वरिष्ठ नागरिक सदन (विश्रान्ति) पूरे भारत वर्ष में विशेष प्रकार का होगा। पालमपुर जैसे अत्यन्त रमणीक स्वास्थ्यवर्धक स्थान में 100 वरिष्ठ नागरिक रहेगें। 50 मीटर के अन्तर पर दाई तरफ सुपर स्पैषलिटी 35 डाक्टरों का हस्पताल और वाई तरफ योग और प्राकृतिक चि