*मंडी शिवरात्रि: बजंतरियों का मानदेय दोगुना हुआ, देवताओं का नजराना भी बढ़ा*

*मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देवताओं से करवाया संस्कृति सदन का लोकार्पण*

*सीएम ने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में की कई बड़ी घोषणाएं*

*मंडी। सतीश शर्मा

।* मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के शुभारंभ के दौरान देव समाज के सभी वर्गों को सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने देवताओं के नजराने और देवलुओं के मानदेय में बड़ी बढ़ोतरी की है। सीएम ने कहा कि हमारी संस्कृति के संरक्षण में देवी-देवताओं का अहम योगदान है और यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम देव परंपराओं का संरक्षण करें।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजंतरियों के मानदेय को 100 प्रतिशत बढ़ाते हुए उसे दोगुना किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजंतरियों को मिलने वाले मानदेय पर इस बार 19 लाख रुपये खर्च होंगे। उन्होंने देवताओं के नजराने में भी 33 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए कहा कि इस बार नजराने पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा देवताओं को राशन के लिए जो खर्च दिया जाता है, उसमें भी 50 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिस पर 25 लाख से अधिक खर्च होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बार देव समाज को दिए जाने वाले सभी तरह के नजराने और मानदेय पर 50 लाख रुपये खर्च किए गए थे। इस बार यह राशि 75 लाख से अधिक होगी। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति के संरक्षण में देवी-देवताओं का अहम योगदान रहता है। उन्होंने लोगों से भी अपनी संस्कृति के संरक्षण की अपील की।

*देवताओं से करवाया संस्कृति सदन का उद्घाटन*
मुख्यमंत्री ने मंडी में 35 करोड़ की लागत से बने संस्कृति सदन का भी लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस सदन का उद्घाटन देवताओं से करवाने की इच्छा रखी। इसके बाद सर्व देवता समिति ने देवताओं से अनुमति ली और फिर देवताओं की उपस्थिति में संस्कृति सदन का लोकार्पण किया गया। खास बात यह रही कि देवता कमरुनाग पहली बार शिवरात्रि महोत्सव के दौरान टारना मंदिर परिसर छोड़कर संस्कृति सदन के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे।

मंडी के कांगनीधार में बना संस्कृति सदन प्रदेश का पहला ऐसा भवन है जहां पर संग्रहालय, आर्ट गैलरी, पुस्तकालय की व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने शुरू से ही यह तय किया था कि इस सदन का निर्माण भव्यता के साथ होना चाहिए।

सीएम ने कहा कि पिछली सरकार ने तो इस भवन को लेकर सिर्फ औपचारिकता ही की थी लेकिन इसके बाद बजट बढ़ाने से लेकर फॉरेस्ट क्लीयरेंस तक के सारे काम हमारी सरकार में ही हुए। उन्होंने कहा कि 2017 में इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और मुझे इस बात की खुशी है कि आज इस भवन को जनता को समर्पित कर दिया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here