ब्यास दरिया के पास होकर भी प्यासा है नाहन नगरोटा गांव-कैप्टन संजय
-गांव में मूलभूत सुविधओं का समय रहते होना चाहिए हल
परागपुर-सतीश शर्मा।
कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के कई गांवों में पेजयल संकट से गंभीर स्थिति बनी हुई है, बावजूद इस समस्या के समाधान के प्रयास धरातल पर शून्य नजर आते हैं। गांववासियों को अगर अपना अमूल्य समय पानी एकत्रित करने में ही नष्ट करना पड़े तो समझा जा सकता है कि व्यवस्था किस हद तक बदहाल है। सोमवार को क्षेत्र की नाहन नगरोटा पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय वासियों से रूबरू होते हुए पराशर ने कहा कि यह पंचायत ब्यास नदी के किनारे बसी हुई है, लेकिन विडंबना यह है कि यहां भी पेयजल की कमी चली हुई है और इससे गांववासी परेशान है। पेयजल की किल्लत की समस्या आज की नहीं है। हर वर्ष ग्रामीणोें को इस दिक्कत से दो-चार होना पड़ता है। बावजूद इस मूलभूत सुविधा को उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास क्यों नहीं हुए, यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है। संजय पराशर ने कहा कि जल शक्ति मिशन के तहत भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम हुआ है और घर-घर तक नल पहुंचाने की बात की जा रही है, लेकिन धरातल का सच यही है कि नलों से जरूरत के हिसाब से पानी नहीं टपक रहा है। कई गांववासी टैंकर से पानी खरीदने को मजबूर हैं, लेकिन वो परिवार क्या करें, जो आर्थिक रूप से अक्षम हैं। दूरदराज की बस्तियों में पानी की कमी वर्ष भर बनी रहती है ताे गर्मी के मौसम में तो समस्या विकराल रूप धारण कर जाती है। पराशर ने कहा कि इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए जमीन पर काम करने की आवश्यकता है। पारंपरिक जलस्त्रोतों का मरम्मत व जीर्णोद्वार व होना चाहिए। उठाऊ पेयजल परियोजनाओं के विस्तारीकरण के बाद भी पेयजल संकट से निपटा जा सकता है। नई पेयजल परियोजनाओं को आकार देते समय यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि भविष्य में अगर जनसंख्या बढ़ती है तो कैसे ये स्कीमें आबादी को पानी मुहैया करवा पाने में सक्षम हो सकती हैं। इस सबके बावजूद अगर पेयजल संकट गर्मियों के मौसम में हो भी जाता है तो स्थानीय वासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए शासन को हर संभव प्रयास करने चाहिए। इसके लिए ग्रामीणों को निशुल्क पानी के टैंकरों की व्यवस्था करनी चाहिए। पराशर ने कहा कि उन्हें स्थानीय वासियों रमेश चंद, गुड्डी देवी, खुशी राम, प्रेम, कीर्ति और नरेन्द्र कुमार के माध्यम से जानकारी मिली है कि नाहन नगरोटा गांव के हिस्से में विद्युत विभाग द्वारा सिंगल फेज से काम चलाया जा रहा है। इससे पूर्व में घरों में बिजली के उपकरण भी खराब हुए हैं। विभाग को इस दिशा में जल्द ही उचित कदम उठाने चाहिए ताकि गांववासियों को कम वोल्टेज की समस्या से छुटकारा मिल सके। संजय ने कहा कि नाहन नगरोटा गांव की जमीन उपजाऊ है, बावजूद बेसहारा पशुओं के आंतक के कारण कई किसान अब खेतों में जाना पसंद नहीं करते हैं। किसानों को कृषि से दोबारा जोड़ने के लिए इस समस्या से निपटने की सार्थक व्यवस्था करनी होगी। साथ में संजय ने कहा कि इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का हल समय रहते होना चाहिए।

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