मैं तो शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की ही बात करूंगा- संजय पराशर
कहा, कांग्रेस व भाजपा के नेता चुनाव में इन मुद्दों से बचने का कर रहे प्रयास
डाडासीबा-सतीश शर्मा।
जसवां-प्रागपुर से आजाद उम्मीदवार संजय पराशर ने कहा है कि शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य हमारे मूलभूत अधिकार हैं। कहा कि संजय पराशर ने इन्हीं सरोकारों पर काम किया है और आगे भी इन्हीं मुद्दों को लेकर काम करने का संकल्प रखा है। सोमवार को बाड़ी, अप्पर भलवाल, जंबल, बस्सी, गुरनबाड़, दोदरा और गंगोट पंचायतों में जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान पराशर ने कहा कि इन्हीं जनकल्याणकारी सुविधाओं के लिए लोकतंत्र में सरकारों का गठन होता है, लेकिन विडंबना यह है कि कांग्रेस व भाजपा ने इन महत्वपूर्ण मुद्दों की लगातर अनदेखी की। दोनों दलों के नेताओं का समय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में ही व्यतीत होता रहा और जनहित से जुड़े कार्य इन नेताओं की नजर में गौण होते गए। इसी का अब परिणाम है कि दोनों दलों के नेता इस चुनाव में ऐसे मुद्दों से बचने का प्रयास कर रहे हैं। कि जनप्रतिनिधियों के नकारेपन की वजह से शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों का अभाव रहा। उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थी अभी भी मनपसंद विषयों का चयन नहीं कर पाते हैं। विद्यार्थियों को विज्ञान संकाय वर्ग में पढ़ाई के लिए विधानसभा क्षेत्र से बाहर का रूख करना पड़ता है। लाजिमी है कि बच्चों का अतिरिक्त समय व अभिभावकों का पैसा खर्च होता है। गरीब परिवारों के होनहार बच्चों की प्रतिभा भी इसी वजह से कहीं दब कर रह जाती है और उनके सपनों को पंख नहीं लग पाते हैं। संजय ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि जसवां-प्रागपुर क्षेत्र का डाडासीबा कॉलेज, जिसमें सभी महाविद्यालयों के मुकाबले सबसे ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, में शिक्षकों की कमी कई वर्षों से बनी हुई है। उद्घाटन होने के बावजूद अभी तक इस इमारत का काम पूरा नहीं हुआ है आैर कई कमरों में खिड़कियां, दरवाजे व पंखे लगने तक बाकि है। कहा कि सत्ता पक्ष के लोग तो अपनी कमियों को छिपाने में लगे रहे, लेकिन कमजोर विपक्ष की भूमिका से भी विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ होता रहा। पराशर ने कहा कि बेरोजगारी का दंश पूरे जसवां-प्रागपुर क्षेत्र को डस रहा है। चन्नौर का इंडस्ट्रीयल एरिया बेरोजगार युवाओं से मजाक करता हुआ प्रतीत होता है। इस उद्योग में औद्योगिक प्लांट नजर नहीं आते हैं। संसारपुरपुर टैरस में बड़े औद्योगिक घरानों ने निवेश नहीं किया। रोजगार की दिशा में और क्या हो सकता था या है, के बारे में भी किसी के पास स्पष्ट विजन नहीं है। यही कारण है कि रोजगार की कमी के चलते हजारों युवाओं को क्षेत्र से पलायन करना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल यह है कि किसी रोग में चपेट होने के बाद स्थानीय वासियों को पंजाब के निजी अस्पतालों या प्रदेश के अन्य अस्पतालों का रूख करना पड़ता है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ व मेडीकल उपकरणों का अभाव है। संजय ने कहा कि अगर उन्हें क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है तो शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्वस्तीय सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके अलावा नारी सशक्तीकरण और गरीबी उन्मूलन को लेकर भी प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाएगा।