आभार रविंद्र चंदेल का जिन्होंने लेखन की तेजधार की शुरुआत का सफर दोबारा शुरू किया है इसके लिए मेरे दो साथियों का योगदान भी महत्वपूर्ण है।
एक साधारण युवक का पत्रकार से संपादक तक का सफर
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू
दो घरों के गांव के एक युवक के सफर की कहानी जिसने छोटी सी दुकान से शुरू किया सफर पत्रकारिता में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त की ख्याति । रविन्द्र चंदेल आज पत्रकारिता के लिए किसी परिचय का। मोहताज नहीं है। बड़सर विधानसभा क्षेत्र के बिझड़ी बाजार में दुकान से सफर शुरू किया। 20वी शताब्दी में पत्रकारिता क्षेत्र में दिव्य हिमाचल समाचार से बिझडी डेटलाईन से पत्रकारिता शुरू की। उन दिनों में अजीत समाचार से जुडा था तथा दिव्य हिमाचल की शुरुआत हुई उन दिनों चंदेल ने पत्रकारिता का सफर शुरू हुआ। मेरी उनसे मुलाकात हुई तो उन्हें बड़सर डेटलाईन शुरू करने को मनाया। फिर दिव्य हिमाचल के आफिस का सफर शुरू हुआ। गाड़ी में दिव्य हिमाचल के आफिस पंहुचे अजीत समाचार पत्र समूह से दिव्य हिमाचल डेस्क पर मेरे एक साथी ने ज्वाइन किया था एक पार्टी उनके तथा उनके दोस्तों के साथ एक पार्टी रेंज की। उसके बाद खबरें बढ़िया डिस्प्ले के साथ छपने लगी। उन्होंने संपादक सोनी की लेखनी से ऐसा सीखा की विश्विद्यालय का पत्रकारिता की पीएचडी किया संपादक भी शरमा जाए। खुशवंत सिंह संपादक इलस्ट्रेटेड वीकली मुंबई के संपादक रहे थे खुशवंत सिंह लेकिन मरते दम तक पत्रकारिता करते रहे। खुशवंत सिंह की खासियत ठीक की बहन किसी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर पत्रकार नहीं बने थे उनका अनुभव ही उन्हें आज भी याद करवाता है की पत्रकार बनने के लिए गुण महत्वपूर्ण लिखने की कला तथा घूमने की इच्छा शक्ति। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सरकार बनी तथा एक नए युग का शुरुआत हुई रविंद्र चंदेल उप मंडल से जिला मुख्यालय में चीफ ब्यूरो बनाकर पहुंचे। दिव्या हिमाचल को जिला में आगे ले जाने का कार्य रविंद्र सिंह चंदेल ने किया। प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्री बनते ही सुमेरपुर से उनका नाता गहरा होता गया जो आज भी कायम है। हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए तेज धार के द्वारा उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया। बाद में दिव्य हिमाचल को अलविदा कर हिमाचल दस्तक में सफर शुरू किया। महंत बाबा बालक नाथ के साथ भी उनका गहरा नाता रहा है। अपनी लड़ाई लड़ने में तथा खबरों की तेजधार के लिए आज भी उनकी खबरों की धार लोगों में चर्चा में रहती है। हाल ही में बाबा बालक नाथ मंदिर गणना घोटाले का शुरुआत कर जनता को बताने का जो बीड़ा उठाया आज देश-विदेश में बाबा बालक नाथ मंदिर चर्चा में है। अधिकारियों से जवाब देते नहीं बन रहा। अभी-अभी आने वाले समय में उनकी तेजधार खबरें देव भूमि हिमाचल के साथ देश-विदेश में भी अपना डंका बजा रही है तथा आने वाले समयमें उनकी कलम की धार प्रदेश तथा बाबा के देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। जिस व्यक्ति ने अपने जीवन के संघर्ष में कड़ी मेहनत कर कर मुकाम हासिल किया हो जिसका सीना फौलाद का हो तथा जो राज परिवार से भी जुड़ रहा हो चंदेल वंश वह जीवन में कभी हार नहीं मान सकता। वक्त के साथ हर जख्म भर जाता है तथा जिसे लेखन से प्यार है कलाम की धार पैनी है लोग उसे पढ़ना भी चाहते हैं। आज बाबा बालक नाथ मंदिर के महंत ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की है।
रविंद्र चंदेल के जीवन के वैसे तो बहुत से किस्से काफी चर्चा में है परंतु जब देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने देश में सड़कों का जाल बिछाना शुरू किया तो उनका अपना घर दो घरों का गांव भी कभी सड़क से जुड़ेगा किसी ने सोचा तक नहीं था लेकिन उनकी इच्छा शक्ति तथा लेखन के कारण उनके घर तक सड़क पक्की बनकर पहुंची साथ ही पूरे देश में एक मिसाल भी बनी की सड़कों से जोड़ने के लिए चाहे एक अथवा दो घरों की आबादी को भी पक्की सड़क से जोड़ा जा सकता है कई साल पहले उनका घर भी सड़क सुविधा से जुड़ गया है जो एक पिछड़ी पंचायत का पिछडा गांव था। उनकी तेजधार लेखनी पाठकों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगी। उनका जीवन लेकिन कुछ समर्पित रहा है तथा आने वाले समय में उनके विभिन्न लेख देश विदेश में भी चर्चा में रहेंगे। उनका अपना पेज आवाज हिमाचल लोगों में काफी चर्चा में रहने वाला है। निरंतर जारी बाकी अगले लेख में। विभिन्न विषयों पर मेरे विचार उनके साथ अलग हो सकते हैं लेकिन एक समकालीन के रूप में उनका हमेशा आदर रहा है। खुशी की बात है कि आज जब मैंने आज रात लाइव किया तो लाइव में उनकी कमेंट देखकर दिल में काफी खुशी हुई तथा आशा है लगातार इसी प्रकार उनके कमेंट मिलते रहेंगे। निरंतर जारी
आभार रविंद्र चंदेल
सतीश शर्मा विट्टू।
मुख्य संपादक टॉप न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म।
एमफिल पत्रकारिता एवं जनसंचार।








