फालोअप
बाबा बालक नाथ मंदिर में हुए घोटाले की निष्पक्ष हो जांच अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जाए
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से मांग।
राजा वीरभद्र सिंह के समय से लेकर शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल जयराम ठाकुर तथा मुख्यमंत्री सुखविंदर के कार्यकाल में भी घोटालो की लंबी लिस्ट
सुखविंदर सिंह मुख्यमंत्री सुखविंदर से बड़ी उम्मीद
अपराधियों को भेजा जाए इस सलाखों के पीछे
दियोटसिद्ध। सतीश शर्मा विट्टू।
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध ट्रस्ट में हुए गणना घोटाले के दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई है, और वे सस्पेंड हैं। हालांकि, जांच अभी जारी है और इसमें कई लोगों की मिलीभगत होने की संभावना है।
प्रमुख बिंदु
– *गणना घोटाला*: बाबा बालक नाथ मंदिर में गणना घोटाले के मामले में दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
– *जमानत*: दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई है।
– *पूर्व के घोटाले*: मनजीत सिंह डोगरा के कार्यकाल में बकरा घोटाला, बलदेव शर्मा के कार्यकाल में नौकरियों में धांधली, इंद्रदत्त लखनपाल के कार्यकाल में भी कई घोटाले हुए – राशन घोटाला, रसीद घोटाला, सोना चांदी हेराफेरी, गणना घोटाला, बकरा घोटाला।
– *विजिलेंस जांच*: विजिलेंस को पहले भी जांच के लिए केस भेजा गया था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से उम्मीद
– *विजिलेंस जांच*: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से उम्मीद है कि वे पूरे प्रकरण की विजिलेंस जांच करवाएं।
– *आरोपियों पर कार्रवाई*: सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा जाए।
– *जिम्मेदारी तय*: हेराफेरी करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री के फैसले
– *कर्मचारी चयन आयोग भंग*: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर बड़ा फैसला लिया।
– *ट्रस्ट भंग की मांग*: कुछ लोगों की मांग है कि ट्रस्ट को भंग कर एडमिनिस्ट्रेटर लगाया जाए और पूरे मामले की जांच करवाई जाए।
यह मामला हिमाचल प्रदेश में मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा को जन्म देता है।
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध ट्रस्ट में गणना मामले के दोनों आरैपियो को मिली जमानत दोनों सस्पेंड परंतु अभी जांच वाकिफ हैं कितने लोगों की इसमें मिलीभगत है। विजिलेंस को इससे पूर्व भी जांच के लिए केस भेजा गया है मंदिर अधिकारी ने किसने जांच रूकवाई है। मनजीत सिंह डोगरा के कार्यकाल में बकरा घोटाला, पूर्व विधायक बलदेव शर्मा के कार्यकाल में नौकरीयों में धांधली, स्कूल व कालेज कैडर, इंद्रदत लखनपाल विधायक के कार्यकाल के घोटालों की लंबी लिस्ट है। राशन घोटाला,रसीद घोटाला, सोना चांदी हेराफेरी, गणना घोटाला। बकरा घोटाला। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्य काल से लेकर शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, जयराम ठाकुर,अब मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यकाल में गणना घोटाले चर्चा में है। डिसमिस कर्मचारी को बहाल करना फिर नौकरी देना भाजपा राज में तो उस व्यक्ति डाक्टर कुलदीप चंद अग्निहोत्री को केन्द्र सरकार ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी का बाईस चान्सलर तक बनाया। कैसा लोकतंत्र उन्हें विधायक मनजीत सिंह डोगरा के कार्यकाल में डिसमिस किया गया था बाद में सब बहाल। एक को भी सजा नहीं मिली। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से उम्मीद है कि इस पूरे प्रकरण की विजिलेंस जांच करवाई जाए तथा सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा जाए तथा जिन अधिकारियों ने हेरा फेरी की है उनके जवाबदेयी भी तय की जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने ही साहस दिखाया है तथा उन्होंने कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर बड़ा फैसला लिया है उसके बाद उसे बाहर किया है इस ट्रस्ट को भी तुरंत प्रभाव से भंग कर कर एडमिनिस्ट्रेटर लगाकर पूरे मामले की जांच मुख्यमंत्री सुखविंदर करवाते हैं तो इस हमाम में जो नंगे हैं उनको सजा दी जा सकती है। लेकिन बिजली के गले में घंटी कौन बांधेगा
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