हमीरपुर जिला में विकास पर चर्चा बैठक में हंगामा बड़सर बैठक में ठेकेदारों का गुस्सा फूटा था हमीरपुर में तो हद हो गई
हमीरपुर। सतीश शर्मा विट्टू। देवभूमि हिमाचल का जिला हमीरपुर हमेशा चर्चा में रहा है चर्चा होना लाजिमी भी है चाहे प्रदेश में एड्स के मामले हो चाहे शिक्षा की बात हो चाहे राजनीति की हर क्षेत्र में जिला नंबर बन रहा है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार का 3 साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री के जिला में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी का आलम निराला ही है शुरुआत हमीरपुर से करें तो हाल ही में हमीरपुर में जो हंगामा हुआ बैठक विकास पर चर्चा को लेकर बुलाई गई थी ऐसा नहीं है की बैठक में विकास पर चर्चा नहीं हुई खूब चर्चा हुई लेकिन हमीरपुर की राजनीति में हमीरपुर में कांग्रेस पार्टी में दो छोर एक नहीं हो सकते। मुख्यमंत्री के लाडले हैं करीबी हैं तथा राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू कैबिनेट मंत्री का भी दर्जा प्राप्त है। उनकी कार्यप्रणाली तथा उनसे जो लोग खुनस खाते हैं उन पर हमले करने से नहीं चूकते हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं तो मुख्यमंत्री सलाह तो लेंगे ही। सुनील शर्मा बिट्टू को लेकर हमीरपुर के नेताओं को ही नहीं पूरे जिला के नेताओं को ही पारा चढ़ने का मौका मिलता है। हमीरपुर में पुष्पेंद्र वर्मा तथा उनके समर्थको तथा सुनील शर्मा तथा उनके समर्थक महाभारत के पांडवों तथा कौरवों की तरह एक दूसरे के विरोधी बनकर अपना अपना कार्य कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पुष्पेंद्र वर्मा जिन्होंने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा तथा चंद वोटो से चुनाव हार गए उनके समर्थकों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी के ही लोगों ने पुष्पेंद्र वर्मा के साथ धोखा नहीं किया होता तो हमीरपुर की सीट कांग्रेस पार्टी की जीत दर्ज करती। विकास पर चर्चा के लिए पुष्पेंद्र वर्मा को बैठक के बारे में जो बताया गया वह काफी देरी से सूचना दी गई मौके पर भी पुष्पेंद्र वर्मा पहुंचे परंतु मंच से जब भाषण दिए जा रहे थे पुष्पेंद्र वर्मा का नाम न लेने पर समर्थक भड़क उठे उन्होंने सरेआम इसका विरोध किया कि कांग्रेस पार्टी का चुनाव लड़े व्यक्ति का मंच से नाम तक नहीं लिया जा रहा है। काली भेडो को लेकर शोर मचा। उसके बाद हंगामा हुआ लेकिन उस हंगामे का असर पूरे प्रदेश में आने वाले समय में देखने को मिलेगा। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का ही कहना है कि कांग्रेस पार्टी में अपने चेहतों को ही सरकार में रेवड़ियां बांटी जा रही है।
हमीरपुर में कार्यकर्ताओं का गुस्सा कितना सही था अथवा से कैसे रोका जा सकता है ताकि आने वाले समय में पुर्नवृत्ति ना हो इस पर भी मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना होगा।
बड़सर में विकास पर चर्चा के लिए बैठक का आयोजन किया गया तो बैठक की गुटबाजी खुलकर सामने आई पूर्व विधायक मनजीत सिंह डोगरा जो दो बार विधायक रहे हैं को विकास पर चर्चा की बैठक के लिए निमंत्रण तक नहीं दिया गया। निमंत्रण नहीं मिला तो डोगरा के समर्थक बैठक में आए लेकिन डोगरा ने अपने समर्थकों को सब्र का घूंट पीने की सलाह दी है। डोगरा के अलावा बड़सर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी विशाल राणा को भी इस बैठक मैं आने का निमंत्रण नहीं दिया गया। इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी में राजा वीरभद्र सिंह के समर्थकों की अनदेखी किया जाना विद्रोह का सबसे बड़ा कारण है। इंद्रदत्त लखनपाल विधायक बड़सर कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं तो इस पूरे प्रकरण में सुनील शर्मा बिट्टू का नाम उछाला गया था। विधायक को मुख्यमंत्री से तो गिला था लेकिन सुनील शर्मा बिट्टू का बड़सर में हस्ताक्षेप करना भी विधायक इंद्र दत्त को रास नहीं आया तथा लखनपाल ने तो अपनी पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया उस भाजपा का जिसे सारा जीवन कोसते रहे। अब लखनपाल भारतीय जनता पार्टी के लाडले बन चुके हैं। विकास पर चर्चा की बैठक में कांग्रेस पार्टी के ठेकेदार जो संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान रहे हैं ने जब बैठक में विकास की बात अपनी पेमेंट मिलने से जोड़ी तो मुख्यमंत्री के करीबी इंजीनियर राजेश बन्याल को मंच से कहना पड़ा था कि विकास दो तरह का होता है एक विकास जनता से जुड़ा हुआ तथा जनता से जुड़ा हुआ विकास मुख्यमंत्री ने 400 करोड रुपए के प्रोजेक्ट इस विधानसभा क्षेत्र में शुरू करवा कर दिया है। दूसरा विकास होता है व्यक्तिगत विकास व्यक्तिगत विकास को जब कार्यकर्ता जनता के विकास से जोड़ने की कोशिश करेंगे तो वह लोग कांग्रेस के कार्यकर्ता हो ही नहीं सकते हैं वह तो अपने ठेको के लिए कांग्रेस पार्टी में मलाई चाटने के लिए जुड़े हैं। मुख्यमंत्री के विकास के कार्यों का विकास के कार्यों का जिक्र करने की जगह ठेकेदारों की पेमेंट तथा ठेकेदारों को कार्य दिलाने को लेकर ही विकास की बैठक में चर्चा हो तो गलत बात है। हम ठेकेदारों का पार्टी से जुड़ने का चाहे कोई भी पार्टी हो विरोध नहीं करते हैं लेकिन ठेकेदारों को ही सर पर बिठाना सरासर पार्टी के लिए आत्मघाती कदम है। हमीरपुर जिला मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी में अभी तो चिंगारी सुलगी है अभी आने वाले समय में बड़े विस्फोट कांग्रेस पार्टी में देखने को मिलेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के लोगों को भी इस खबर पर खुश होने की जरूरत नहीं है भारतीय जनता पार्टी में भी लावा कभी भी विस्फोट कर सकता है। जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी में जयराम समर्थक तथा अनुराग धूमल समर्थक आपस में बंटे हुए हैं कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बड़सर सुजानपुर तथा हमीरपुर में भाजपा की स्थिति भी सुखद नहीं है। बड़सर में भारतीय जनता पार्टी के नेता ही वोट फॉर पीएम वोट फॉर सीएम का नारा देकर अपना विरोध दर्ज कर चुके हैं आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के विधायक के खिलाफ 2027 में आजाद प्रत्याशी को उतारने के लिए जाल बुना जा रहा है। हमीरपुर जिला मुख्यालय में भी आशीष शर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद स्थिति सुखद नहीं है। अनुराग ठाकुर हिमाचल की राजनीति में पदाअर्पण करेंगे तो हमीरपुर से ही भारतीय जनता पार्टी का चुनाव भी लड़ सकते हैं। जब अनुराग सिंह ठाकुर हमीरपुर से चुनाव में उतरेंगे तो आशीष शर्मा के समर्थकों के लिए भी स्थिति सहज नहीं होगी। भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस पार्टी दोनों ही दलों में स्थित सुखद नहीं है। अनुराग सिंह ठाकुर के अलावा हिमाचल की राजनीति में सांसद सिकंदर तथा जगत प्रकाश नड्डा ने जो हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी से विधायकों को लाकर मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का दबदबा खत्म करने का कार्य किया है उससे तो भाजपा के लिए स्थिति विस्फोट की हो गई है। कुटलैहड़ में वीरेंद्र कंवर किसी समर्थक लहू के घूंट पी रहे हैं। बड़सर में तीन बार भाजपा के विधायक रहे बलदेव शर्मा के समर्थक गुस्से से लाल हैं, हमीरपुर जिला मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी का ठाकुर जगदेव का परिवार , सुजानपुर में प्रेम कुमार धूमल को हर का स्वाद चखाने वाले राजेंद्र राणा को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करवा कर जगत प्रकाश नड्डा तथा भाजपा हाई कमानका जाल लोगों की समझ में आ चुका है। दोनों ही दलों में भयंकर विस्फोट देखने को मिलेंगे।
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